महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती के अवसर पर समाजवादी नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

BY-THE FIRE TEAM

पूर्व नगर सचिव आफताब अहमद एवं जितेन्द्र यादव बिट्टू के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ कोरोना महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए

गोरखपुर स्थल मण्डलीयक कारागार पर महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती के शुभ अवसर पर उन्हें याद करते हुए उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

इस अवसर पर आफताब अहमद ने कहा कि- देश की खातिर अपनी कुर्बानी देने वाले महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म आज के ही दिन 11 जून 1897 को हुआ था.

जितेन्द्र यादव बिट्टू ने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत उनसे इतना ज्यादा तंग हो गई कि 19 दिसंबर 1927 में गोरखपुर जेल में उन्हें फांसी पर लटका दिया.

Sarfaroshi ki Tamanna: Remembering Ram Prasad Bismil

आपको यहाँ बताते चलें कि भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में चर्चित काकोरी कांड को अंजाम देने वाले क्रांतिकारियों में राम प्रसाद बिस्मिल भी प्रमुख क्रांतिकारी थे.

राम प्रसाद बिस्मिल भारत मां के वह महान सपूत हैं जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए खुद को बलिदान किया.

विकास यादव ने बताया कि- ” राम प्रसाद बिस्मिल सिर्फ क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि वह एक बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व से लबरेज थे.”

उनके विषय में बहुत ही कम लोगों को पता है कि-वह शायर, कवि, अनुवादक और साहित्यकार भी थे. उर्दु में जब वह कुछ लिखते तो बिस्मिल नाम से लिखते थे.

बिस्मिल का अर्थ आत्मिक रूप से आहत होता है. वह राम और अज्ञात के नाम से भी कविताएं लिखते थे. उनके जीवनकाल में ही उनकी 11 किताबें प्रकाशित हुईं जिनमें से अधिकांश को अंग्रेजी हुकूमत ने जब्त कर लिया था.

इस मौके पर विकास चंद यादव, इमामुद्दीन अहमद, आदित्य राय, अहमद जुनैद, मुलायम यादव, हिमांशु मौर्य, मोहम्मद आरिफ विनोद यादव, जितेन्द्र यादव बिट्टू, आशुतोष गुपता, विनोद यादव, अनूप यादव, आदि लोग उपस्थित रहे.

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