वर्चुअल इंडिया ऐट 75 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, वैश्विकरण जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए बताया कि- “आज के वैश्विक संदर्भ में दुनिया के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था तो खुली है किंतु सारे देशों का समान रूप से विकास नहीं हो पा रहा है.”
यानी कि दुनिया में देशों के बीच जिस तरह के परनिर्भरता बढ़ी है वह कम लोगों के लिए फायदेमंद है किंतु अधिकतर लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है.
I would ask you to look at a different definition of globalisation, that is global issues from which there is no escape. There is no escape from climate change, pandemics & increasingly, I think, there is no escape from terrorism. That, to me, is really globalisation: EAM pic.twitter.com/exOZ7Peol8
— ANI (@ANI) August 8, 2020
आज करोना के संक्रमण ने विश्व के अनेक देशों को अपने में ही बांध दिया है, जो देश कल तक विकास के नाम पर उड़ान भरा करते थे आज वह खुद धराशाई होकर जमीन पर आ गए हैं.
एस जयशंकर ने भारत और चीन संबंधों पर भी खुलकर अपना वक्तव्य रखा है. उन्होंने कहा की चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि भारत तीसरे पायदान पर है.
Different countries are uncomfortable with excessive dependence abroad. 21st century was very much a century where globalization was desirable, but we've been saying for 5 yrs or more that countries want to take control of their lives: EAM S Jaishankar at virtual India@75 Summit pic.twitter.com/T7SAy2d09p
— News Words (@NewsWords3) August 8, 2020
एक समय आएगा जब भारत भी विकसित देशों की श्रेणी में आर्थिक रूप से मजबूत होकर खड़ा होगा. विश्व के समक्ष जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है. हमारा ग्रीन प्लेनेट प्रदूषण के कारण जलीय और स्थलीय जीवों के अस्तित्व के लिए खतरा तो उत्पन्न किया ही है,
बढ़ती आबादी तथा उद्योग धंधों के विकास के चक्कर में जमीन के लिए जंगल भी कटते चले जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि वन्य जीव भी अपने जीवन को बचाने के लिए संकट से जूझ रहे हैं.
मानव पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्राणी है उसे जियो और जीने दो के मर्म को कभी भूलना नहीं चाहिए और सभी सजीवों के लिए सकारात्मक सोच विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए.