महामारी, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन मुख्य वैश्विक मुद्दे हैं जिनसे पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता: एस जयशंकर

वर्चुअल इंडिया ऐट 75 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, वैश्विकरण जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए बताया कि- “आज के वैश्विक संदर्भ में दुनिया के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था तो खुली है किंतु सारे देशों का समान रूप से विकास नहीं हो पा रहा है.”

यानी कि दुनिया में देशों के बीच जिस तरह के परनिर्भरता बढ़ी है वह कम लोगों के लिए फायदेमंद है किंतु अधिकतर लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है.

आज करोना के संक्रमण ने विश्व के अनेक देशों को अपने में ही बांध दिया है, जो देश कल तक विकास के नाम पर उड़ान भरा करते थे आज वह खुद धराशाई होकर जमीन पर आ गए हैं.

एस जयशंकर ने भारत और चीन संबंधों पर भी खुलकर अपना वक्तव्य रखा है. उन्होंने कहा की चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि भारत तीसरे पायदान पर है.

एक समय आएगा जब भारत भी विकसित देशों की श्रेणी में आर्थिक रूप से मजबूत होकर खड़ा होगा. विश्व के समक्ष जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है. हमारा ग्रीन प्लेनेट प्रदूषण के कारण जलीय और स्थलीय जीवों के अस्तित्व के लिए खतरा तो उत्पन्न किया ही है,

बढ़ती आबादी तथा उद्योग धंधों के विकास के चक्कर में जमीन के लिए जंगल भी कटते चले जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि वन्य जीव भी अपने जीवन को बचाने के लिए संकट से जूझ रहे हैं.

मानव पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्राणी है उसे जियो और जीने दो के मर्म को कभी भूलना नहीं चाहिए और सभी सजीवों के लिए सकारात्मक सोच विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए.

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