प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर पिछले कई दिनों से न्यायालय की अवमानना का मुकदमा चल रहा है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने सजा के तौर पर उनके ऊपर ₹1 का जुर्माना लगाया था.
अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगायाhttps://t.co/5o01tQv8sY#SupremeCourt #PrashantBhushan #ContemptofCourt #सुप्रीमकोर्ट#प्रशांतभूषण #अदालतकीअवमानना
— द वायर हिंदी (@thewirehindi) September 1, 2020
इस फैसले के बाद प्रशांत भूषण ने प्रेस क्लब आफ इंडिया में प्रेस वार्ता करके ट्वीट किया कि अदालत या मुख्य न्यायाधीश का अपमान करना कहीं से भी मेरा उद्देश्य नहीं था.
फिर भी न्यायालय ने मेरी गतिविधियों को अपना अपमान माना और मेरे ऊपर ₹1 का जुर्माना लगाया. यद्यपि मैं इस जुर्माने को भरने के लिए तैयार हूं किंतु साथ ही मैं पुनर याचिका भी दायर करूंगा.
दरअसल सोशल साइट पर जो भी मैंने ट्वीट किया वह मुझे संविधान के द्वारा दी गई ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के आधार पर किया था.
मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी यह आवाज ऐसे लोगों को प्रेरणा देगी जो सभी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तत्पर रहते हैं.