मिली सूचना के मुताबिक एक गैर सरकारी संगठन ‘सीपीआईएल’ के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में डाली गई याचिका जो पीएम केयर्स फंड में जमा धनराशि को आपदा प्रबंधन के तौर पर खर्च करने के लिए स्थानांतरित करने से जुड़ी हुई थी,
उसे सर्वोच्च न्यायालय ने डीएम एक्ट का उल्लंघन मानते हुए खारिज कर दिया है. इस एक्ट के अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा दिया गया कोई भी अनुदान मुख्य तौर पर एनडीआरएफ को स्थानांतरित किया जाना चाहिए और यह करना वैध भी है,
किंतु पीएम केयर्स फंड एक चैरिटी फंड है इसलिए इसमें जमा की गई धनराशि को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा खारिज की गई इस याचिका के संबंध में कई मायने निकाले जा रहे हैं.
मसलन- जब देश ही नही पूरी दुनिया में कोरोनावायरस जैसी महामारी फैली हुई है तो आखिर यह धन क्यों नहीं जन- कल्याण में खर्च किया जा रहा है?
PM Cares Fund needn’t be shifted to NDRF: Supreme Court https://t.co/ZHSJjkYxVl
— madan gupta (@madangupta3) August 19, 2020
क्या वजह है कि सरकार पीएम केयर्स फंड में इकट्ठा की गई धनराशि की ऑडिटिंग नहीं करने दे रही है? यहां तक की अब तो सर्वोच्च न्यायालय के कार्य के द्वारा दिए गए निर्णय को ही लोग शक की निगाह से देख रहे हैं.
यह तथ्य सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश दीपक गुप्ता के इस कथन से पुष्ट हो जाता है कि- “ वर्तमान समय में न्याय व्यवस्था अमीर लोगों की मुट्ठी में कैद हो चुकी है.”
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