BY-THE FIRE TEAM
मिली जानकारी के मुताबिक पराली जलाने वालों की अब खैर नहीं होगी क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने इसके विरुद्ध सख्त कदम उठाते हुए अब इसे जीवन जीने के अधिकार का उलंघन करार दिया है.
दरअसल, पराली जलाने के दौरान कई हानिकारक गैसें निकलती हैं जिनके कारण बहुत अधिक प्रदुषण की समस्या बढ़ जाती है. इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने
दिल्ली के आस-पास के राज्यों को भी कड़ी फटकार लगाई है तथा राज्य सरकारों को इसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दिया है.
Supreme Court on air pollution: 'It is not the way we can live. "Centre should do.. state should do" cant go on. This is too much. No room is safe to live in this city, even in homes. We are losing precious years of our lives due to this.” https://t.co/GXEzwdMhLv
— ANI (@ANI) November 4, 2019
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा है कि-“अगर इस तरह से चलता रहा तो जीना मुश्किल हो जायेगा, कोई भी सुरक्षित नहीं है. यहाँ तक कि घरों में भी नहीं, यह अत्यधिक भयानक है.”
आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार दिया गया है जो व्यक्ति का एक मौलिक अधिकार भी है
और यह किसी भी दशा में उससे छीना नहीं जा सकता है.
#DelhiPollution | "This is not the way we can survive. No one is safe even inside homes; it is atrocious," a bench headed by Justice Arun Mishra said. https://t.co/hGSN0XU2DP
— NDTV (@ndtv) November 4, 2019