‘जनआक्रोश रैली’ में बहू अपर्णा के साथ पहुंचे मुलायम सिंह यादव, शिवपाल को बताया शेर


BY-THE FIRE TEAM


लखनऊ। मिली जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर शिवपाल सिंह यादव ने अपनी सियासी ताकत का एहसास कराया है।

रविवार को शिवपाल सिंह यादव की जनाक्रोश रैली के मंच पर उनके बड़े भाई और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी नजर आए। मुलायम के मंच पर पहुंचते ही शिवपाल समर्थक जोश से भर गए।

वहीं रैली में मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव भी शिवपाल के साथ मंच साझा करने पहुंची हैं।

समाजवाद और सेकुलरिज्म हमारी पार्टी की सोच: शिवपाल

लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मंच से शिवपाल सिंह यादव ने जन आक्रोश रैली को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि हम सामाजिक विकास में पिछड़ गए जातीय समूहों और वर्गो को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं। समाजवाद और सेकुलरिज्म हमारी पार्टी की सोच के अभिन्न हिस्से हैं।

हम किसानों, नौजवानों, महिलाओं व छात्रों को केंद्र में रखकर समाज, राज्य व राष्ट्र के विकास की रणनीति पर काम करेंगे। सतत और रोजगारपरक विकास हमारा मुख्य एजेंडा है।

बहू अपर्णा ने चाचा को बताया शेर :

वहीं, मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने जन आक्रोश रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि रैली में उमड़ा जनसैलाब उदाहरण है कि शेर को चोट नहीं देना चाहिए।

लोहिया जी को चोट मिली तो जनसैलाब आया, नेता जी को चोट पहुंची तो तमाम पार्टियों को उखाड़ फेंका, अब चाचाजी को चोट पहुंची है आप समझ सकते हैं कि क्या होने वाला है ?

आज का जनसैलाब इसका प्रमाण है कि शेर को चोट नहीं देनी चाहिए। आगे अपर्णा यादव ने कहा कि मैं छोटी हूं लेकिन पूरा सहयोग करूंगी।

जन आक्रोश रैली कई मायनों में अहम :

गौरतलब है कि जन आक्रोश रैली कई मायनों में शिवपाल के लिए बेहद अहम है। इसमें जुटी भीड़ उनके जनाधार का इम्तिहान होगी, इसी से उनका सियासी कद भी तय होगा।

दरअसल, शिवपाल को जमीनी नेता और अच्छा संगठनकर्ता माना जाता है। वह लंबे समय तक सपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। मंत्री, नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।

दशकों से सहकारिता की राजनीति से जुड़े हैं, प्रदेश भर में उनका नेटवर्क है। वह बड़ी रैलियां कराते रहे हैं। यह पहला मौका है जब वह सपा से अलग होकर रैली कर रहे हैं।

 

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