BY-THE FIRE TEAM
मिली सूचना के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर पर जैसे ही निर्णय लिया वैसे ही बयानबाजियों का दौर चल निकला है.
इस संबंध में शिवसेना ने कहा है- “अभी तो केवल जम्मू-कश्मीर लिया है कल पीओके और बलूचिस्तान भी लेंगे.”
शिवसेना ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के निर्णय को सही ठहराते हुए सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.
राज्य सभा सांसद संजय राउत ने सदन के अंदर विधेयक का सहयोग करते हुए कहा है कि- प्रधानमंत्री मोदी ही अखंड भारत के निर्माण का सपना पूरा करेंगे.
पारित प्रस्ताव के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर को दो हिस्सों बाँट दिया जायेगा जिसमें एक कश्मीर तथा दूसरा लद्दाख के रूप में केंद्रशासित प्रदेश बनेंगे.
अमित शाह ने बताया कि जम्मू और कश्मीर में विधान सभा होगी किन्तु लद्दाख़ में कोई विधानसभा नहीं बनाई जाएगी.
यह कदम सीमा पार से उठने वाले आतंकवाद को रोकने तथा लद्दाख के लोगों द्वारा निरन्तर उठाई जा रही माँग को ध्यान में रखकर के लिया गया है, क्योंकि लद्दाखी लोग काफी लम्बे समय से इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की माँग की जा रही थी.
हालाँकि अमित शाह के इस बयान से सदन में हंगामा मच गया किन्तु शाह ने फिरभी अपना संकल्प पेश किया.
Watch HM Shri @AmitShah is speaking in Rajya Sabha. https://t.co/7zNkKQaz4S
— BJP (@BJP4India) August 5, 2019
तत्पश्चात पीडीपी के सांसदों- नजीर अहमद लवाय और मीर मोहम्मद फयाज ने प्रतियाँ फाड़कर अपना विरोध जताया है. ऐसे सदन सभापति ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया.
हालाँकि, पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि -अनुच्छेद 370 का हटना भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए महबूबा ने यह भी बोला कि- 1947 में द्विराष्ट्र के सिद्धांत को ख़ारिज करने और कश्मीर का भारत मिलने का फैसला उल्टा साबित हुआ है.
धारा 370 को खत्म करने का कार्य भारत सरकार का एक तरफ़ा निर्णय है और यह गैरकानूनी तथा असंवैधानिक है. उपमहाद्वीप में इसके विनाशकारी परिणाम होंगे,
सरकार का निर्णय अस्पस्ट है वह केवल कश्मीर के लोगों को आतंकित करके इतने बड़े क्षेत्र को हथियाना चाहते हैं.
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