BY-THE FIRE TEAM
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कहा है कि प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) देश के लोगों के हित में नहीं है और भारत को इससे बाहर निकलना चाहिए.
गौरतलब है कि एसजेएम का यह बयान ऐसे दिन आया है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरसीईपी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने सिंगापुर गए हुए हैं.
एसजेएम के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने बुधवार को मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम सरकार विशेष रूप से आदरणीय प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि वह आरसीईपी में किसी तरह की प्रतिबद्धता देने से बचें. वास्तव में अब समय आ गया है जबकि भारत को सख्त और स्पष्ट फैसला करते हुए आरसीईपी से बाहर निकलना चाहिए.”
एस जे एम से जुड़े तथ्य :
स्वदेशी जागरण मंच, का एक आर्थिक संगठन है जो स्वदेशी (Indigenous) उद्योगों एवं संस्कृति के विकास के लिये जनता में जागरूकता पैदा करता है। इसकी पहचान संघ परिवार के एक घटक के रूप में है.
२२ नवम्बर सन १९९१ को नागपुर में अरित्व में आया। राष्ट्रीय स्तर की पाँच संस्थाओं-भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, एवं सहकार भारती ने दत्तोपन्त ठेंगड़ी की उपस्थिति में सम्मिलित रूप से इसकी नींव रखी.