BY-THE FIRE TEAM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने दलित परिवारों की माली हालत को सुधारने तथा समाज के मुख्या धारा में लाने के लिए खुशखबरी दी है।
इसके अंतर्गत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब हत्या और दुष्कर्म के मामले में पीड़ित दलित परिवारों को पेंशन दी जाएगी।
यह पेंशन उन्हें हर महीने महंगाई भत्ते के साथ पांच हजार रुपये के हिसाब से मिलेगी।
ऐसे लागू हुई स्कीम :
जानकारी के अनुसार, सबसे पहले 2016 में एक नियमावली बनाई गई। एससी-एसटी कमीशन के चेयरमैन बृजलाल ने अब इसे लागू किया है।
इस स्कीम के मुताबिक अब पीड़ित दलित परिवारों को हर महीने महंगाई भत्ते के साथ पांच हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। यहां तक कि पीड़ित परिवार के बच्चों की स्नातक स्तर
तक की शिक्षा का पूरा खर्चा और उनका भरण-पोषण भी किया जाएगा। आश्रित बच्चों को राज्य सरकार द्वारा पूर्णतः वित्त पोषित आश्रम, स्कूलों या आवासीय स्कूलों में दाखिल कराया जाएगा।
यह भी कराया जाएगा :
14 जून 2016 के बाद अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत पंजीकृत मामलों में पेंशन का प्रस्ताव जिलाधिकारी और
समाज कल्याण अधिकारी को भेजने के निर्देश सभी जिलों के एसपी-एसएसपी को दिए हैं और इन सभी मामलों पर 31 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट आयोग को भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
आयोग ने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि प्रस्तावों पर पेंशन व अन्य सुविधा स्वीकृत कर 28 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट आयोग को भेजें।
पेंशन के अलावा भी बहुत कुछ :
आयोग ने डीजीपी, डीजी विशेष जांच, सभी मंडलायुक्त, जोनल एडीजी, रेंज आइजी व डीआइजी को इसके अनुपालन कराने की जिम्मेदारी दी है।
पेंशन योजना के प्रस्ताव के मुताबिक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले मृतक व्यक्ति, विधवा या अन्य आश्रितों को हर महीने
5 हजार रुपये की मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता और मृतक के परिवार के सदस्यों को रोजगार और कृषि भूमि, घर उपलब्ध कराया जाएगा।