विशेष: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना(PMJAY)

BY THE FIRE TEAM

चर्चा में क्यों?

23 सितबंर, 2018 को रांची, झारखंड में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की गई। यह योजना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करेगी।

इस योजना का व्यापक क्षेत्र–

  • इसमें कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों सहित 1300 बीमारियों को शामिल किया गया है। निजी अस्पताल भी इस योजना का हिस्सा होंगे।
  • देश भर में 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमज़ोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को इसमें शामिल किया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के 1 करोड़ 18 लाख परिवारों को इस योजना के दायरे में लाया गया है।
  • इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को हर वर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
  • 5 लाख रुपए की राशि में सभी प्रकार की जाँच, दवा, अस्पताल में भर्ती का खर्च आदि भी शामिल होंगे।
  • देश भर के 13,000 से ज़्यादा अस्पतालों को इस योजना में शामिल किया गया है।
  • इस योजना के तहत बच्चियों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की प्राथमिकता दी जाएगी।
  • आवश्यकता के समय सभी सार्वजनिक और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त उपचार उपलब्ध होगा।
  • यह योजना 1,350 चिकित्सा पैकेज को कवर करती है जिसमें सर्जरी, चिकित्सा एवं देखभाल, दवाइयाँ और निदान की लागत आदि शामिल हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत पुरानी और नई सभी बीमारियों को शामिल किया गया है।
  • यह योजना पेपरलेस तथा कैशलेस होगी।
  • उपचार के लिये अस्पताल लाभार्थियों से अतिरिक्त पैसा नहीं वसूल कर पाएंगे।
  • इस योजना के लाभार्थी भारत भर में कहीं भी सेवाओं का लाभ उठा सकते है।
  • योजना के बारे में जानकारी या सहायता प्राप्त करने अथवा शिकायत दर्ज कराने के लिये 24X7 हेल्पलाइन नंबर- 14555 उपलब्ध है।
  • PM-JAY

कौन होंगे लाभार्थी?

  • सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic and Caste Census- SECC) डेटाबेस में सूचीबद्ध सभी परिवारों को परिभाषित मानदंडों के अनुसार इस योजना के अंतर्गत कवर किया जाएगा। परिवार के आकार और सदस्यों की उम्र की कोई सीमा निश्चित नहीं की गई है।

सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic and Caste Census- SECC)  के अनुसार योजना के लाभार्थी 

  • ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्‍न श्रेणियों में ऐसे परिवार शामिल हैं जिनके पास कच्‍ची दीवार और कच्‍ची छत के साथ एक कमरा है।
  • ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्‍य नहीं है।
  • ऐसे परिवार जिसकी मुखिया महिला है और जिसमें 16 से 59 वर्ष आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्‍य नहीं है।
  • ऐसा परिवार जिसमें कोई सदस्य दिव्‍यांग है और उस परिवार में शारीरिक रूप से सक्षम कोई वयस्क सदस्‍य नहीं है।
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति परिवार, मानवीय आकस्मिक मज़ूदरी से आय का बड़ा हिस्‍सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार स्‍वत: शामिल माने गए हैं जिनके रहने के लिये छत नहीं है, जो निराश्रित, खैरात पर जीवन-यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्‍त किये गए बंधुआ मजदूर हैं।

31 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश योजना लागू करने को तैयार

  • 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने इस योजना को लागू करने के लिये केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • तेलंगाना, ओडिशा, दिल्ली, केरल तथा पंजाब ने इस योजना को लागू न करने का विकल्प चुना है।
  • उल्लेखनीय है कि तेलंगाना सरकार अपनी योजना आरोग्यश्री को जारी रखेगी जिसके अंतर्गत राज्य के 80 लाख परिवारों को कवर किया जाता है।

लाभार्थियों का निजी डाटा रहेगा सुरक्षित

  • स्‍वास्‍थ्‍य बीमा के लाभार्थियों के निजी डाटा और संवेदनशील व्‍यक्तिगत सूचनाओं को पूरी तरह सुरक्षित रखने की व्‍यवस्‍था की गई है और इनका इस्‍तेमाल निर्धारित कानूनी व्‍यवस्‍थाओं तथा नियमों के अनुकूल किया जाएगा।
  • लाभार्थियों से संबंधित सूचनाओं को सुरक्षित रखने के लिये अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रचलित बेहतर तरीकों को अपनाया जा रहा है।
  • लाभार्थियों के डेटा के सुरक्षित इस्‍तेमाल के लिये विभिन्‍न स्‍तरों पर 94 से अधिक कंट्रोल सेट बनाए गए हैं।
  • आँकड़ों को इकट्ठा करने, उन्‍हें सुरक्षित रखने और उनके इस्‍तेमाल के लिये कड़े नियम तय किये गए हैं।

यदि यह योजना सही से काम कर गयी तो आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में  काफी सुधार देखने को मिल सकता है। देश के बीमारू राज्य भी इसके फायदे से अपनी स्थिति को बेहतर कर सकते हैं। जैसा कि इसमें उत्तर प्रदेश के एक करोड़ से ज्यादा लोग शामिल होंगे तो जाहिर है यह योजना इस राज्य के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक शिद्ध हो सकती है।

इसके साथ ही साथ भारत उस आंकड़े से भी बाहर निकल सकता है जिसमे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि औसत तीन मिनट में यहाँ दो नवजात शिशुओं की मृत्यु हो जाती है।

sourceTHE HINDU,PIB.

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