तिब्बत की कृत्रिम झील के कारण अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ का संकट

BY-THE FIRE TEAM

तिब्बत में भूस्खलन होने से एक नदी का मार्ग अवरुद्ध हो जाने और कृत्रिम झील बनने के बाद अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी से लगे जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है.

अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पहले चीन ने इस संबंध में भारत को सूचना दी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सरकार अद्यतन जानकारी के लिए चीनी पक्ष के साथ नियमित रूप से संपर्क में है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के सभी संबंधित अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है ताकि वे जरूरी एहतियाती कदम उठा सकें.

केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाढ़ का पानी जल्द ही अरुणाचल प्रदेश पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि जानकारी हर घंटे साझा की जा रही है.

चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि बुधवार की सुबह तिब्बत में यारलुंग सांग्पो नदी में भूस्खलन के बाद उनके देश ने भारत के साथ ‘आपातकालीन सूचना साझा तंत्र’ को सक्रिय कर दिया.

इस नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग कहा जाता है जबकि असम में इसे ब्रह्मपुत्र कहा जाता है. भारतीय अधिकारी ने कहा कि चीन ने हमें सबसे पहले बुधवार को भूस्खलन और कृत्रिम झील बनने के बारे में सूचित किया था.

पानी जल्द ही अरुणाचल प्रदेश पहुंच जाएगा और बाढ़ के स्तर को पार कर जाएगा. बताया गया है कि भूस्खलन के पीछे “प्राकृतिक कारण” हैं. अधिकारी ने कहा कि सियांग से लगे जिलों को उच्च अलर्ट पर रखा गया है.

अरुणाचल प्रदेश  विशेष :

अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है. अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे “उगते सूर्य का पर्वत” है.

प्रदेश की सीमाएँ दक्षिण में असम दक्षिणपूर्व मे नागालैंड पूर्व मे बर्मा/म्यांमार पश्चिम मे भूटान और उत्तर मे तिब्बत से मिलती हैं। ईटानगर राज्य की राजधानी है। प्रदेश की मुख्य भाषा हिन्दी  तथा असमिया हैं.

भौगोलिक दृष्टि से पूर्वोत्तर के राज्यों में यह सबसे बड़ा राज्य है. पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह इस प्रदेश के लोग भी तिब्बती-बर्मी मूल के हैं. वर्तमान समय में भारत के अन्य भागों से बहुत से लोग आकर यहाँ आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ कर रहे हैं.

पौराणिक गंगा झील ;

यह ईटानगर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. झील के पास खूबसूरत जंगल भी है. यह जंगल बहुत खूबसूरत है। पर्यटक इस जंगल में सुन्दर पेड़-पौधे, वन्य जीव और फूलों के बगीचे देख सकते हैं. यहाँ आने वाले पर्यटकों को इस झील और जंगल की सैर जरूर करनी चाहिए.

बौद्ध मंदिर ;

नामसाइ स्थित स्वर्ण पगोडा

यहाँ पर एक खूबसूरत बौद्ध मन्दिर है. बौद्ध गुरू दलाई लामा भी इसकी यात्रा कर चुके हैं. इस मन्दिर की छत पीली है और इस मन्दिर का निर्माण तिब्बती शैली में किया गया है.

इस मन्दिर की छत से पूरे ईटानगर के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं. इस मन्दिर में एक संग्राहलय का निर्माण भी किया गया है. इसका नाम जवाहर लाल नेहरू संग्राहलय है, यहाँ पर पर्यटक पूरे अरूणाचल प्रदेश की झलक देख सकते हैं.

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