BY-THE FIRE TEAM
ताजा समाचार के अनुसार अपनी सीमाओं को पुख्ता करने के लिए सेना ने कड़े कदम उठाये हैं, क्योंकि डोकलाम जैसी स्थिति फिर से पैदा न हो इसलिए इंडो-नेपाल और इंडो-भूटान से सटी सीमा पर
फोर्स की तैनाती में इजाफा किया जा चुका है। देश के उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की तैनाती में वृद्धि की गई है,
जो चीन से लग रही सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। एसएसबी ने मंगलवार को कहा कि पिछले एक साल में देश की सबसे युवा पैरामिलिट्री फोर्स ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में 18 नए बॉर्डर ऑउट पोस्ट (बीओपी) का निर्माण किया है।
SSB using GIS, sat imagery to guard borders https://t.co/oMVDHP9pBa pic.twitter.com/JEyIJo7r0N
— The Times Of India (@timesofindia) December 19, 2018
भूटान से लगी सीमा पर सुरक्षा को पुख्ता करने और पडोसी मुल्क के खतरों से निपटने के लिए सिक्किम में 3 और अरुणाचल प्रदेश में 15 नए बीओपी खड़े किए गये हैं।
सिक्किम में जो बीओपी खड़े किए गये हैं वे बिल्कुल भूटान की सीमा से लगते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध भूटान की सीमा पर ही पैदा हुआ था।
हालांकि, एसएसबी के डायरेक्टर जनरल सुरजीत सिंह देसवाल ने स्पष्ट किया है कि भारत-चीन सीमा के साथ उनके फोर्स के संचालन से कोई लेना देना नहीं था।
उन्होंने कहा कि ये 18 नए बीओपी उन 72 में से हैं जो इस साल शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भूटान के क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण पर भारत-चीन सीमा के सिक्किम प्रांत में 73 दिनों तक गतिरोध चला था,
जिसे इंडियन आर्मी के विरोध के बाद बंद कर दिया गया था। दोनों देशों के बीच डोकलाम गतिरोध पिछले साल 28 अगस्त को खत्म हुआ।
इंडो-भूटान के बीच 699 किमी और इंडो-नेपाल से सटी 1,751 किमी वाली लंबी सीमा पर फिलहाल 53 एसएसबी बटालियन तैनात हैं।
वहीं, दोनों देशों से सटी सीमा पर सुरक्षा और पेट्रोलिंग के लिए कुल 708 बीओपी खड़े किए गए हैं। एसएसबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इंडो-भूटान सीमा पर 176 बीओपी फंक्शन में हैं,
जो सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की सीमा पर निगरानी रख रहे हैं। वहीं, इंडो-नेपाल सीमा पर सुरक्षा के लिए कुल 533 बीओपी फंक्शन में हैं,
जो देश के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम जैसे राज्यों की सीमा पर पेट्रोलिंग की जा रही है।