क्या है अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला का सच ?


BY-THE FIRE TEAM


यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में यूके की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद को लेकर एक डील साइन की थी.

ये हेलिकॉप्टर भारतीय एयरफोर्स के लिए खरीदे जाने थे, जिनमें से 8 का इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी की उड़ान के लिए किया जाना था. वहीं बाकी के चार हेलिकॉप्टरों में एक साथ 30 एसपीजी कमांडो के सवार होने की क्षमता थी.

अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर की खूबियां :

इसमें 30 यात्री सवार हो सकते हैं – अधिकतम रफ्तार 278 किलोमीटर प्रति घंटा – बुलेटप्रूफ बॉडी – मशीनगन फिट करने की सुविधा – दो पायलट की क्षमता – तीन ताकतवर इंजन – हवा में ईंधन भरने की क्षमता – सबसे बड़ा केबिन 8.3 फ़ीट चौड़ा, 6.1 फ़ीट ऊंचा

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इस पूरी डील की लागत 3600 करोड़ तय की गई थी, लेकिन साल 2014, जनवरी में कॉन्ट्रेक्ट की शर्तें पूरी न होने पर और 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान के आरोपों के बाद भारत ने इस कॉन्ट्रैक्ट को खारिज कर दिया.

गौरतलब है कि जिस वक्त करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलिकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी.

रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों का नाम सामने आया था.

यह घोटाला तब सुर्खियों में आया जब इटली के एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माण से जुड़ी कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व मुखिया ओरसी को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

अदालत ने कंपनी फिनमेकानिका को दोषी पाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट ने अपने आदेश में फिनमेकानिका की अधीनस्थ  कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को साढे चार साल जेल की सजा सुनाई है.

ओरसी पर भारत सरकार से वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के इस सौदे को हासिल करने के लिए कथित तौर पर 362 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगा था.

आपको बता दें कि इस वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में पूर्व एयर चीफ एसपी त्यागी समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

वहीं अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित करके मंगलवार देर रात भारत लाया गया.

नई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई मामले देखने वाले विशेष जज ने 24 सितंबर 2015 को मिशेल के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.

इस वारंट के आधार पर इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया और फरवरी 2017 में उन्हें दुबई में गिरफ्त

गिरफ्तारी के बाद से ही मिशेल दुबई की जेल में थे. दुबई की अपील कोर्ट में मिशेल के वकीलों ने उन्हें भारत प्रत्यर्पित करने को लेकर दो आपत्तियां दाखिल की थीं जिन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया.

डेलीहंट के सौजन्य से पता चला है कि मिशेल के अलावा इस मामले में कई भारतीय अधिकारी भी आरोपी हैं. इनमें तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवारिक सदस्य प्रमुख हैं.

इन पर आरोप है कि षड्यंत्र के तहत उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए VVIP हेलिकॉप्टरों की उड़ान भरने की ऊंचाई की सीमा को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 करवा दिया था.

 

 

 

 

 

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