जिम कार्बेट नेशनल पार्क अब जीवाश्म पार्क के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा


BY-THE FIRE TEAM


यदि आप पर्यटन में गहरी रूचि रखते हैं तो उत्तराखंड स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क आपकी इस अभिलाषा को और रोमांचक बना सकता है.

मिली जानकारी के मुताबिक फॉजिल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्बेट नेशनल पार्क प्रशासन एक संग्रहालय खोलने जा रहा है. इस संग्रहालय में प्राचीन काल के जीवाश्मों के अवशेष को संग्रहित किया जाएगा और

उनसे जुड़ी जानकारियों को प्रदर्शित किया जाएगा. यहाँ मुख्यतः हाथी, दरियाई घोड़ा, हिरण, मगरमक्ष जैसे जीवों के अवशेषों को दर्शाया जायेगा.

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JIM CORBET

इस सम्बन्ध में कार्बेट प्रशासन ने बताया कि पश्चिमी देशों की तर्ज पर इस संग्रहालय का ढांचा तैयार होगा तथा इसके माध्यम से दो प्रमुख उद्देश्यों को पूरा किया जायेगा- स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मुहैया कराना और इको टूरिज्म को प्रोत्साहन देना.

डॉ बीस कोटलिया जो कुमायूँ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक हैं, इस विषय में कहते हैं कि- जीवाश्मों के अध्ययन के लिए संग्रहालय बनने से स्तनधारियों के विकास को समझने में मदद मिलेगी.

पार्क में दो मिलियन वर्ष पुराने हाथी के निचले जबड़े का अवशेष मिलने से यहाँ अन्य जानवरों के अवशेषों के मिलने की उम्मीद जगी है जो कहीं न कहीं अध्ययन में इजाफा करेगा.

आपको बता दें कि डॉ बीस कोटलिया इसके पहले भी रामनगर के शिवालिक क्षेत्र में कई शोध कर चुके हैं. यही वजह ही कि वे जीवाश्मों के खोज पर बहुत बल देते हैं.

 

 

 

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