उत्तर प्रदेश के बदायूं में 14 वर्षीय दलित किशोरी से सामूहिक बलात्कार

BYTHE FIRE TEAM

बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुई बलात्कार की घटना ने एक बार फिर देश को शर्मसार कर दिया है।

बदायूं जिले के थाना उसहैत क्षेत्र के एक गावँ में 14 वर्षीय किशोरी को अगवा करके तीन लोगों ने कथित रूप से उससे सामूहिक बलात्कार किया।

पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि आरोपी अभी फरार हैं लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

पुलिस अधीक्षक (नगर) जितेंद्र श्रीवास्तव ने पीडिता की मां द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर बताया कि 22 सितंबर की दोपहर में किशोरी को उसहैत थानाक्षेत्र के अटैना गावँ में खेत में बकरी चराते समय अगवा कर लिया गया था। उसके साथ गंगा किनारे मक्का के खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया।

उन्होंने बताया कि रातभर लड़की घर नहीं पहुंची जबकि उसकी मां उसे तलाश करती रही। 23 सितंबर की दोपहर बाद किशोरी बदहवास हालत में अटैना में गंगा के पुल पर मिली।

पुलिस ने सोमवार की रात तहरीर के आधार पर मामा..भांजे सहित तीन के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया। गांव के शिशुपाल, सोमेंद्र और अतर सिंह के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट में नामजद किया गया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारी पुलिस चौकी पहुंचे।

पुलिस ने मामा..भांजे सहित तीन के खिलाफ सामूहिक बलात्कार सहित कई अन्य आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

समाज को बेहतर बनाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से सरकार ने अपना एक कदम आगे तो बढ़ा दिया है परंतु सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारत में अभी भी महिलाएं अपने आप को काफी असुरक्षित महसूस करती हैं।

अपराध की दृष्टिकोण से बलात्कार भारत में चौथा स्थान प्राप्त किए हुए है। वहीं दूसरी ओर हाल ही में आई एक रिपोर्ट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भारत को बेहद खतरनाक बताया गया है।

आपको याद होगा आज के कोई 6 साल पहले जब दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक 23 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप हुआ था तो पूरे देश ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। परंतु आज शायद हम भागदौड़ भरी जिंदगी में इतना व्यस्त हो गए हैं कि समाज के लिए शायद ही वक्त निकाल पा रहे हैं।

मई 2014 में 16 व 14 वर्षीय किशोरियों के साथ उत्तर प्रदेश में ही गैंग रेप होता है और इसके बाद मर्डर कर दिया जाता है लेकिन हम फिर भी नहीं जागते।

यहां तक कि देश की स्थिति यह हो गई है कि रेप के मामले में भी अब राजनीति होने लगी है। इसमें चाहे वो कठुआ रेप व मर्डर का मामला हो या फिर उन्नाव रेप का।

राजनेताओं के कथित तौर पर शामिल हो जाने के कारण कानून की धज्जियां उड़ जाती हैं और पीड़िता को इंसाफ भी नहीं मिल पाता।

उत्तर प्रदेश में रेप के मामलों की बात की जाए तो पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीस नामक संस्था ने एक आंकड़ा जारी किया था जिसमें इसने बताया था की यहां सबसे ज्यादा रेप के मामले दलित लड़कियों के सामने आते हैं।

अब जबकि आज फिर एक दलित किशोरी के साथ ही गैंगरेप हुआ है तो कहीं ना कहीं योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विफल नजर आ रही है।

(भाषा से इनपुट के साथ)

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