BY–RAJEEV YADAV
यूपी यात्रा बलिया नगर, बेल्थरा, सिकंदरपुर में पहुँची, किया सम्मलेन और बलिया में की प्रेस वार्ता।
यूपी यात्रा में पूर्व आई जी एस आर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता जुलेखा जबीं, यूपी यात्रा संयोजक राजीव यादव और गुफरान सिद्दीक़ी, मज़हर आज़ाद, शकील कुरैशी, सैयद फ़ारूक़, रविश आलम, शाहरुख़ अहमद, बलवंत यादव, राघवेन्द्र राम शामिल रहे।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि बलिया में दलित उत्पीड़न चरम पर है।
रसड़ा में हालात इतने बत्तर हैं कि रसड़ा में दो दलित युवकों को मारते पीटते “मै गाय चोर हूँ” कि तख्ती बाँध कर सरेआम घुमाया जाता है तो वंही जजौली कला में रेशमी देवी को सामंत जिंदा जला देते हैं।
साम्प्रदायिकता की आग से बलिया कभी सिकंदरपुर में तो कभी रात्सर में जल जाता है, जंहा खुलेआम भाजपा विधायक संजय यादव मुस्लिम समुदाय की दुकानों को लुटवाते हैं और जलवाते हैं।
हत्या बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी गिरफ़्तारी तो दूर एफआईआर बहुत मुश्किल से हो पाता है।
मौजूदा सरकार की मनुवादी एजेंडे ने साम्प्रदायिक जातिगत हिंसा कराकर जनता के मूल-भुत सवालों से ध्यान भटकाया जा रहा है। जबकी बलिया समेत पूरे सूबे में आम जनता का जीवन दिन ब दिन दूभर होता जा रहा है।
बलिया हो या मऊ,आजमगढ़ किसी भी जग़ह आज़ादी के 70 साल बाद भी एक विश्विद्यालय तक नहीं बन पाया है।
यूपी यात्रा के संबंध में पत्रकारों को बताया कि यह यात्रा उत्तर प्रदेश के उन क्षेत्रों में दौरा कर रही है। जहाँ दलित, पिछड़ा, मुस्लिम, महिला और किसानों, नवजवानों के हक़ हुक़ूक़ पर सरकारों द्वारा हमला किया जा रहा है।
आज उत्तर प्रदेश में 2300 से अधिक एनकाउंटर, 5600 से अधिक गिरफ्तारियां,750 घायल हुए हैं, 62 लोग मारे गए हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिमों, दलितों और पिछड़ों की है।
खुलेआम मुख्यमंत्री ठोक देने की बात करते हैं और भाजपा के नेता और पुलिस पैसे लेकर मुड़भेड़ के नाम पर हत्याएं कर रहीं है।
सरकार बताए कि आख़िर एक साल से अधिक समय से भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर को जेल में क्यों कैद कर रखा है? पूरे प्रदेश में दलितों और मुसलमानों को रासुका के तहत निरुद्ध किया जा रहा है।
यह यात्रा इस संदेश के साथ वंचित समाज के बीच में जा रही है कि अपनों को दलितों और पिछड़ों को हिमायती कहने वाली भाजपा बताए कि उसके सरकार में क्या इसी समाज के लोग अपराधी और समाज के लिए ख़तरा हैं।
सरकार अपने मनुवादी एजेंडे के तहत लगातार आरक्षण को ख़त्म करने के प्रयास में है। लगातार सर्वाजिनिक क्षेत्रों को कमज़ोर और निजी क्षेत्रों को मज़बूत किया जा रहा है कि जिसका फल है कि अडानी, अम्बानी की जेबें भर रहीं है तो वंही मोदी, माल्या विदेश भाग जाते हैं।