BY-THE FIRE TEAM
उत्तर प्रदेश में अमेठी के सरैया गांव में एक मंदिर में धार्मिक समारोह के दौरान 12 साल के लड़के पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले दो लोगों की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि लड़के को गोली मारी गई और उसका एक स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुसाफिरखाना के थाना प्रभारी विश्वनाथ यादव ने बताया कि शनिवार रात नशे में धुत दिलीप यादव (28) और राहुल सिंह (30) ने सुमित को गोली मारकर घायल कर दिया.
उन्होंने बताया कि मंदिर में पूजा के दौरान यह घटना हुई जिसके बाद भीड़ ने यादव और सिंह की पीट पीटकर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि यादव और सिंह पड़ोसी गाजनपुर दुअरिया गांव के रहने वाले थे. उन्हें मुसाफिरखाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
एसएचओ ने बताया कि मृतकों में से एक के भाई की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
उन्होंने बताया कि गांववालों की शिकायत पर छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. घटना के बाद पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या और अतिरिक्त एसपी बीसी दुबे समेत शीर्ष पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे.
एसपी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
आपको बता दें कि आज से तीन सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी करते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे गौ रक्षा के नाम पर हिंसा और भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाए,
और लोगों को इस बात का अहसास होना चाहिए की ऐसी घटनाओं पर उन्हें कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा. द फायर ने इस आदेश को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित भी किया था.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया तथा गो रक्षकों की हिंसा और भीड़ द्वारा लोगों को पीट कर मार डालने की घटनाओं से सख्ती से निबटने के बारे में निर्देश दिये गये थे.
केन्द्र और सभी राज्यों को टेलीविजन, रेडियो और इलेक्ट्रानिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से गो रक्षा के नाम पर हत्या और भीड़ द्वारा लोगों की हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के लिये कहा गया था.
इस तरह की घटनाएँ अमानवीय होने के अतिरिक्त कानूनी रूप से भी गलत हैं जिनको रोकना अतिआवश्यक है.