वैश्विक स्तर पर महामारी का रूप लेने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए विकसित और विकासशील देश लगातार टोटके से लेकर औषधि नुस्खे तक का प्रयोग और प्रयास कर रहे हैं ताकि कोविड-19 के प्रसार पर नियंत्रण लगाया जा सकें.
इसी सन्दर्भ में फार्मास्युटिकल्स कंपनी जाइडस केडीला ने भी एक वैक्सीन का निर्माण किया है. अब यह वैक्सीन कहाँ तक कोरोना को रोकने में सफल होगी यह तो आने वाला वक्त बतायेगा किन्तु इससे पहले इस वैक्सीन की क्षमता जानने के उद्देश्य से लोगों पर इसके परिक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
आपको यहाँ बताते चलें कि ड्रग कन्ट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने मानवों पर कोरोना टेस्टिंग के लिए अभी तक दो कंपनियों को अनुमति मिली है. पहली कंपनी हैदराबाद में स्थित भारत बायोटेक थी जबकि दूसरी कम्पनी जाइडस केडीला है जिनके माध्यम से बने टीकों का प्रयोग करने का कार्य किया जायेगा.
चुँकि भारत दुनिया में जनसंख्या के मामले में दूसरा स्थान रखता है ऐसे में जेनेरिक दवाओं के निर्माताओं के लिए भारत एक बड़े बाजार के रूप में चिन्हित किया गया है. यही वजह है कि वैक्सीन से लेकर दवाओं के उप्तादन को देखते हुए अधिकतर कंपनियों की नजर यहाँ रहती है.
वर्तमान कोरोना संक्रमण के आँकड़े बता रहे हैं कि विश्व में भारत चौथे पायदान पर है तथा इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या साढ़े छह लाख 6,04,641 से ऊपर जा चुकी है.
यदि कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों के आँकड़े पर बात करें तो 3,59,860 है यानि कि 59.51 प्रतिशत लोग अब इस संक्रमण के खतरे से बाहर हैं, जबकि मौत का आंकड़ा 17,834 है यानि कि रिकवरी रेट 8.34 प्रतिशत है.