उन्नाव: उत्तर प्रदेश की बालात्कार राजधानी?


BY- THE FIRE TEAM


वैसे तो उत्तर प्रदेश महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सबसे निचले पायदान पर है। देश में जहां सबसे ज्यादा महिलाएं असुरक्षित हैं वह उत्तर प्रदेश है। केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं देश भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सबसे खराब स्थिति से गुजर रहा है।

जिस प्रकार योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाए हैं उससे अब सवाल उनके ऊपर उठने लगे हैं।

उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कदम उठाए थे उससे भी सवालों के घेरे में आई थी।

अब जबकि उत्तर प्रदेश में महिलाओं से संबंधित अपराध सबसे ज्यादा होते हैं तो जाहिर है शासन भी नाकाम रहा है। पुलिस व्यवस्था माननीय सदस्यों की सुरक्षा व्यवस्था में व्यस्त है।

अगर केवल उन्नाव में एक साल में 80 से ज्यादा बालात्कार हुए हैं तो यह गंभीर ही नहीं एक कलंक भी है।

यहां के सांसद साक्षी महाराज हिन्दू औरतों को पहले तो चार बच्चे पैदा करने की सलाह देते हैं फिर जेल में बालात्कार के आरोपी सेंगर से मिलते भी हैं। उनका शुक्र भी अदा करते हैं। दोबारा चुनाव जीतने में सेंगर की बड़ी भूमिका बताते हैं।

इसी उन्नव में जब एक साल में 80 से ज्यादा बालात्कार होते हैं तो जिम्मेदारी किसकी बनती है? क्या पुलिस कप्तान ने कोई ठोस कदम उठाया है? क्या सांसद जी ने महिलाओं को लेकर कोई सुरक्षा मुहैया कराई है?

जाहिर है ये सवाल बस कुछ समय के लिए आते हैं चले जाते हैं। जब मामला तूल पकड़ता तो हम हम फिर जागते हैं। काश हम चुनाव के समय भी जागते जब 29 प्रतिशत व्यक्तियों को जो महिलाओं से संबंधित क्राईम में दोषी थे, को सांसद बना रहे थे।

हमको यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हर रोज देश में 100 के करीब बालात्कार होते हैं। यह आंकड़ा आपको चौंकाने के शायद काम करे। आप भी कुछ सोचें?

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