BY– THE FIRE TEAM
चंबा: चंबा जिला के सबसे दूरदराज क्षेत्र चुराह के अंतर्गत आने वाले राजकीय उच्च पाठशाला नैला जहां बच्चों को 12वीं की शिक्षा ग्रहण करने के लिए 12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. रास्ता जंगल वाला है तो लड़कियों को इतनी दूर अकेले जंगल के रास्ते स्कूल भेजना लोगों के मन में डर पैदा करता है
वहीं बारहवीं की पढ़ाई करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कल्हेल जाना पड़ता है, जहां बच्चों को पैदल ही रास्ता तय करना पड़ता है.
रास्ता भी 12 किलोमीटर से अधिक तय करके बड़ी मुश्किल से बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, लेकिन इसी के चलते कई बच्चों की पढ़ाई भी छूट रही है, लड़कियों को बेहतर शिक्षा देने की बात करने वाली प्रदेश सरकार के दावे यहां छूटते दिख रहे हैं।
छात्रो का कहना है कि हमें दसवीं की शिक्षा हासिल करने के बाद बारहवीं की शिक्षा हासिल करने के लिए 12 किलोमीटर दूर कल्हेल जाना पड़ता है. जिससे हमें बहुत परेशानी होती है. सुबह सात बजे चलकर हमें शाम को सात बजे घर पहुंचना पड़ता है, जिससे हमें पढ़ाई करना तो दूर टिकना भी मुश्किल हो जाता है, ऐसे में कई बच्चे दसवीं के बाद शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं.
हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द नैला में बारहवीं का दर्जा दिया जाए ताकि बच्चों को 12 किलोमीटर दूर कल्हेल ना जाना पड़े।
चुराह के एसडीएम हेम चन्द वर्मा का कहना है कि नैला स्कूल दसवीं तक है. ये बात सच हैं कि काफी दूरदराज का क्षेत्र है. इसके बारे में सरकार को प्रोपोजल भेजा है जैसे ही वहां से अप्रूवल मिलती है, आगे की कार्यवाई की जाएगी