केरल बाढ़: कब्र भी नसीब नहीं, पादरी ने अंतिम संस्कार के लिए दान की अपनी जमीन

केरल में बाढ़ की तबाही बढ़ती ही जा रही है। मौसम विभाग ने कहा था कि अगले 48 घंटों में बारिश के थमने के आसार हैं परंतु फिर भी बारिश ने लोगों का बुरा हाल किया हुआ है। बारिश में रविवार (19अगस्त) को थोड़ी राहत होने से बचाव कार्य में काफी तेजी आई है।
इस बाढ़ से जूझ रहे लोगों की मदद करने के लिए महाराष्ट्र राज्य के 81 डॉक्टर सामने आए हैं। जो कि आज एयर इंडिया के दो विमानों के जरिए तिरूवनंतपुरम पहुंचेंगे। इन डॉक्टरों में 55 डॉक्टर मुंबई के जेजे अस्पताल से हैं जबकि 26 पुणे स्थित सैस्सून अस्पताल से हैं।

photo-(PTI)

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बाढ़ से अब तक 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके साथ ही साथ करीब 20 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं और कई हजार लोग अब भी फंसे हुए हैं। बाढ़ की तबाही से अब तक करीब 9 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूल हैं। यहां हजारों लोग अभी भी फंसे हुए  हैं। दूसरी ओर मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक राज्य के कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश की आशंका जताई है जिनमें कोझिकोड कन्नूर और इडुक्की शामिल हैं।

बाढ़ की इस भयावह स्थिति में जिन लोगों ने जान गंवाई है, उनके अंतिम संस्कार में अब परेशानी आ रही है। ज्यादातर शव राज्य के अस्पतालों में अभी भी रखे हुए हैं। इन शवों को दफनाने में आ रही परेशानी का सबसे प्रमुख कारण यह है कि बारिश और बाढ़ के चलते सूखी जमीन ही नहीं बची है जहां पर इनको दफनाया जा सके। इस परेशानी को देखते हुए दिल्ली के पादरी कुरुविला कुलंजीकोम्पिल सैमुएल आगे आए हैं। इन्होंने थानामथिट्टा जिले के अडूर में स्थित अपनी जमीन का एक चौथाई हिस्सा सभी धर्मों के लोगों के अंतिम संस्कार के लिए दान कर दिया है।

A woman cries as she holds her son after they were evacuated from a flooded area in Aluva
A woman cries as she holds her son after they were evacuated from a flooded area in Aluva CREDIT: SIVARAM V/REUTERS

द टेलीग्राम में छपी रिपोर्ट के अनुसार सैमुअल ने कहा है कि वह ‘इंसानियत में विश्वास रखते हैं और यह(अंतिम संस्कार) हर समुदाय के लोगों के लिए मूल जरूरत है।’
दरसल अदूर समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित है, यही कारण है कि यह बाढ़ की चपेट में नहीं आया है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इस बाढ़ को अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी बताया है। उन्होंने कहा ‘शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है जिससे भारी तबाही मची है। इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे’ उन्होंने कहा कि ‘1924 के बाद प्रदेश में  बाढ़ की ऐसी त्रासदी नहीं आई है।’

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