लॉक डाउन के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रिय हुई लोक गायिका नेहा राठौर ने अपने गानों के माध्यम से आम आदमी के दर्द को आवाज देने का काम किया है.
देश गुस्से में है. देश दुःख में है. इस गुस्से और दुःख को स्वर दिया है इस गीत ने. गीतकर्त्री और गायिका नेहा के लिये दुवाएँ. अब सहन नहीं हो पा रहा.
"जहवाँ खाकी में राज दफ़नात होईत बुझिहा की रामराज ह…धरोहर (धिक्कार गीत) Neha Singh Rathaur https://t.co/7oB8ZhCiIG via @YouTube— girijesh tiwari (@girijeshtiwari1) October 2, 2020
दरअसल नेहा राठौर उत्तर प्रदेश में घटने वाली दर्दनाक मनीषा वाल्मीकि कांड का कड़े शब्दों में विरोध किया था. उन्होंने योगी सरकार के रामराज को कटघरे में खड़ा करते हुए एक लोक गीत के माध्यम से अपनी बातों को रखा जिस पर एक्शन लेते हुए यूपी पुलिस ने उन्हें निशाने पर लिया था.
आपको यहां बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने नेहा पर आरोप लगाया था कि- “मशहूर होने, पैसा कमाने का लालच और अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार की आलोचना कर रही हैं.”
नेहा ने बताया कि– “आलोचना से सरकार भले ही कमजोर हो जाती हो किंतु लोकतंत्र मजबूत होता है.”
इसका जवाब देते हुए नेहा ने कहा कि यदि पैसा कमाना मेरा मिशन होता तो मैं सीधे भोजपुरी फिल्म उद्योग की तरफ रुख कर जाती क्योंकि यहां यह सारी चीजें थोक भाव में मिलती है.
वास्तविकता यह है कि सरकार जनता के लिए होती है जनता सरकार के लिए नहीं होती, आप लोग यह बात जितना जल्दी समझ लें उतना अच्छा होगा. एक बात मैं पूरे दावे के साथ कह सकती हूं कि बोलने से ही फर्क पड़ता है.