part-2: मछुआ समाज के आरक्षण मुद्दे को लेकर निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने भरा हुंकार

निषाद पार्टी ने तय किया है कि आने वाली तारीख़ 17 अप्रैल को ‘निषाद पंचमी’ के रूप में निषाद राज के किले पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी निषादराज जयंती मनाई जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी ने निषादराज जयंती की छुट्टी बंद कर दी है, उसे चालू करे पूरे देश से लाखों की संख्या में मछुआ समुदाय के लोग निषाद राज के किले पर इलाहाबाद श्रृंगवेरपुर धाम पर पहुंचेंगे

जहां से राम और निषादराज गले मिलकर विश्व में शांति संदेश दिया था. प्रत्येक जिलों से लगभग 100 बसें और 1000 मोटरसाइकिलों का जुलूस सड़क मार्ग से होते हुए निषाद राज के किले पर पहुंचेगा.

वहां पर 180 फुट की महाराजा गुह्यराज निषाद और उनके आत्म बालसखा श्री रामचंद्र की मूर्ति का शिलान्यास किया जाएगा, भूमि पूजन होगा, तथा 1 महीने का मछुआ आरक्षण और निषादराज की प्रतिमा का एक रथ यात्रा जन-जन तक जाएगा.

निषाद पार्टी ने 2 महीने के अंदर एक करोड़ लोगों को सदस्य बनाने और हस्ताक्षर अभियान लोगों से करा कर निषाद आरक्षण आंदोलन के माध्यम से सरकार से शक्ति प्रदर्शन होगा.

मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के सामने गाड़ियों में भरकर समर्थन पत्र सौंपा जाएगा. किसी भी सरकार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरशिप की जरुरत होती है.

कांग्रेस के समय से विदेशी कंपनियां, सपा के समय अमर सिंह एंड कंपनी थी, बसपा के समय सतीश मिश्रा एंड कंपनी है और वर्तमान समय में अडानी, अंबानी आदि हैं.

ये लोग राजनीति एवं बजट के हिस्सेदार होकर सबल होते हैं, वहीं देश के वोटर राजनीति एवं बजट का शिकार हो रहे हैं, इसलिए निर्बल हो रहे हैं.

देश में गरीबी तब तक नहीं खत्म होगी जब तक वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनकर बजट का हिस्सेदार नहीं होता. निर्बल इंडियन शोषित, हमारा आम दल (निषाद पार्टी) भी यही चाहती है कि

वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बन बजट का हिस्सेदार बने. देश का असली भगवान वोटर है, वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनेगा तभी देश की गरीबी खत्म होगी.

निषाद पार्टी ने Reach the Voter (वोटर के पास जाना होगा), Teach The voter (वोटर को राजनीति पढ़ाना ही होगा) and Caste the Voter (वोटर को गलत जगह वोट पड़ने से हो रहे सत्यानाश को बताना ही होगा) का मुहिम चलाया है.

कभी निषादों ने अंग्रेजों को मारकर भगाया था फिर कांग्रेस की सरकार बनाए, कांग्रेस ने धोखा दिया कांग्रेस से दोस्ती बंद कर दी कांग्रेस खत्म हो गई.

सपा-बसपा ने 30 वर्षों तक दोस्त बनाया, इन्होंने भी दोस्ती के साथ विश्वासघात किया. आरक्षण के मुद्दे पर इन्हें सिरे से नकारते रहें.

आज थाने पर 15 दरोगा हैं पांच साइकिल के, पांच हाथी के पांच इस समय वर्तमान सरकार के इनका एक सिपाही एक होमगार्ड भी नहीं है यही स्थिति सभी विभागों में है.

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