नीति आयोग की रिपोर्ट में टॉप 5 गरीब राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर

कहने को तो भाजपा सरकार भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही हो किंतु खुद सरकार की रिपोर्ट में वह फिसड्डी ही साबित हो रही है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीति आयोग जिसने देश का पहला बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी किया है.

इसके बाद राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का शोर सुनाई देने लगा है. आयोग की माने तो इसने बताया है कि-

“गरीबी के मामले में सर्वोच्च पांच राज्य टॉप पर हैं जिनमें चार राज्य बीजेपी के द्वारा शासित हैं. गरीबी की आबादी के लिहाज से अगर बात करें तो उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है.

बिहार 51.9 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी के साए में जीवन यापन कर रही है. हालांकि यहां नीतीश कुमार की अगुवाई में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन की डेढ दशक पुरानी सरकार काम कर रही है.

वहीं दिसंबर 2019 से पहले बीजेपी शासित राज्य झारखंड में 42 प्रतिशत की आबादी गरीबी से जूझ रही है जबकि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है.

मध्य प्रदेश 36.65 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर बना हुआ है जबकि मेघालय 32. 67 प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर काबिज है.

मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और यहां शिवराज सिंह चौहान 2005 से ही मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं.

यदि अन्य राजनीतिक दलों के द्वारा शासित राज्यों की बात करें तो सीपीएम शासित केरल में 0.71 प्रतिशत, बीजेपी शासित गोवा में 3.76 प्रतिशत,

सिक्किम में 3.82 प्रतिशत, तमिलनाडु में 4.8 प्रतिशत और पंजाब में 5.59 प्रतिशत आबादी गरीबी का सामना कर रही है. ये सभी राज्य देश में सबसे कम गरीब राज्य की श्रेणी वाले प्रदेश हैं.

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