BY- THE FIRE TEAM
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
इन लोगों के खिलाफ 2013 में एक टिकट के इच्छुक उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मानहानि शिकायत दर्ज करने में विफल रहने के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने आम आदमी पार्टी के नेताओं केजरीवाल, सिसोदिया और योगेंद्र यादव (2013 में AAP पार्टी में थे) के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।
अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा द्वारा दायर शिकायत पर सुनवाई के दौरान उनकी तरफ से किसी के भी उपस्थित ना होने की वजह से वारंट जारी किया गया।
शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2013 में उन्हें AAP के कार्यकर्ताओं द्वारा संपर्क किया गया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था, यह कहते हुए कि केजरीवाल उनकी सामाजिक सेवाओं से प्रसन्न हैं।
उन्होंने सिसोदिया और यादव के कहने के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन पत्र भरा था लेकिन, बाद में उन्हें मना कर दिया गया था।
14 अक्टूबर, 2013 को, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि प्रमुख अखबारों के लेखों में आरोपी व्यक्तियों द्वारा गैरकानूनी और अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किए गए हैैं, जिसकी वजह से बार में उनकी प्रतिष्ठा को कम किया है।
शिकायत का विरोध करते हुए, AAP नेताओं ने कहा था कि एक चुनाव टिकट को रद्द करना या आवंटित करना पार्टी का विशेषाधिकार है और शिकायतकर्ता ने उसके खिलाफ लंबित मामलों की सही जानकारी नहीं दी है।
शिकायत के आधार पर, ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में पहले उनकी उपस्थिति की मांग की थी।
हालांकि, केजरीवाल, सिसोदिया और यादव को जमानत दी गई थी, क्योंकि उनके खिलाफ सम्मन जारी करने के बाद वे पेश हुए थे।
शिकायत पर IPC की धारा 499, 500 (मानहानि) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत समन जारी किया गया था, IP ट्रायल कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त को समन करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री थी।