agazbharat
  • प्रदेश के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से आते हैं ज़ायरीन

(मनव्वर रिज़वी)

गोरखपुर: हर कहानी कहीं न कही घटित होने वाली घटनाओं पर आधारित होती हैं या यूं कहें कि हर कहानी कहीं न कहीं हकीकत में तब्दील हो जाती है.

प्रेमचंद की कालजयी रचना ईदगाह आपको याद होगी जिसका मुख्य पात्र हामिद और उसका चिमटा भी आपके जेहन में चल रहा होगा.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि साहित्यकार प्रेमचंद ने जिस ईदगाह के मेले का ज़िक्र अपनी कहानी में किया था वो ऐतिहासिक शुरू हो चुका है.

गोरखपुर शहर की मशहूर दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद परिसर में स्थित ईदगाह के बिल्कुल सामने कथा सम्राट प्रेमचंद का आवास हुआ करता था.

तब वो यहां शिक्षा विभाग में कार्यरत थे. पहले यह मेला ईद से पहले शुरू होकर माह भर चलता था लेकिन समय के साथ इसका स्वरूप बदलता गया.

आज यह मेला महज़ एक सप्ताह में सिमट गया है. पहले यहां दुकानदार दूर-दूर से अपनी दुकानें लेकर आते थे लेकिन अब यहां मुख्य रूप से स्थानीय दुकानदारों की दुकानें लगती हैं.

इस दौरान यहां उर्स का आयोजन होता है जिसमें प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी प्रदेशों के ज़ायरीन शामिल होते हैं.

इसके अलावा पड़ोसी मुल्क नेपाल से भी लोग इस उर्स में शामिल होने के लिए आते हैं. एक अनुमान के मुताबिक मेले के दौरान यहां हज़ारों का मजमा होता है.

बात तैयारियों की करें तो उर्स से लेकर मेले की तमाम तैयारियां हफ़्तों पहले शुरू हो जाती हैं. साफ सफाई से लेकर सड़क, नाली, पानी और पीने के पानी की व्यवस्था प्रशासन के हवाले होती है.

जबकि जायरीनों के खाने-पीने और ठहरने की ज़िम्मेदारी दरगाह की तरफ से की जाती है. बात साफ सफाई की करें तो यहां व्यवस्था संतोषजनक है लेकिन यहां से गुजरने वाली सड़क की हालत बहुत खराब है.

पैदल गुजरने वाले अगर सावधान नहीं रहें तो इस बार मेले के दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल होंगे और गोरखपुर से एक ऐसी याद लेकर अपने घरों को वापस जाएंगे जिसे वो फिर कभी दोबारा दोहराना नही चाहेंगे.

बहरहाल, खराब सड़क के सम्बंध में बुधवार को जब नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल से बात की गई तो उन्होंने सड़क पर पैच वर्क कराने का आश्वासन दिया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here