BY- THE FIRE TEAM
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री ओमप्रकाश राजभर लंबे अरसे से सरकार से नाराज चल रहे है। इसी के चलते उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा छोड़ दिया है।
ओमप्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए विभिन्न नियुक्तियों में अपने लोगों को नजरअंदाज किये जाने का आरोप लगाया।
ओमप्रकाश राजभर का कहना है, “पिछड़ा वर्ग आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए 28 लोगों की सूची प्रस्तावित की गई थी। उन्हें जानकारी मिली है कि उनमें से 27 लोगों की उपेक्षा कर दी गई।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार ओमप्रकाश राजभर का कहना है, “आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर मनमाने ढंग से नियुक्तियां कर दी गईं। ऐसे में मंत्री बने रहने का क्या औचित्य है?”
राजभर के पास अभी दिव्यांग कल्याण महकमे की जिम्मेदारी रहेगी। इससे पहले भी राजभर कई मसलो को लेकर बगावती तेवर दिखा चुके है। वे सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग पर भी अड़े हैं।
समिति की सिफारिशों को लेकर राजभर ने कहा, “समिति की सिफारिशों को अब तक लागू नहीं किया है और ना ही लागू करने की उसकी कोई मंशा नजर आती है। समिति ने अन्य पिछड़ा वर्ग को तीन तरह की श्रेणियों में विभाजित करने की सिफारिश की थी। इनमें पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा शामिल हैं। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की 44 फीसदी आबादी है।”
अपनी मांगें नहीं माने जाने पर वे एनडीए का साथ छोड़ने की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं। लेकिन इस बार उन्होंने योगी सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सिफारिशों को लागू नहीं किया गया तो 24 फरवरी को एनडीए छोड़ देंगे।
उनकी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेताओं ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर लड़ने के भी संकेत दिए और कहा कि जरूरत पड़ने पर वे सपा-बसपा गठबंधन से भी हाथ मिला सकते हैं।