शाम होते ही इमरजेंसी स्टॉफ के छलकते हैं जाम पर जाम फिर रात्रि में की जाती है ड्यूटी

  • उरई जनपद का जिला अस्पताल बना भ्रष्टाचारियों का अड्डा

उरई: वैसे तो जिला अस्पताल में मरीज व उनके तीमारदार अपने मरीज का इलाज करवाने के लिए आते हैं

और उन्हें पूरा विश्वास होता है कि जिला अस्पताल में उनका मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा

परंतु जिला अस्पताल में मरीज भी सुरक्षित नहीं है. कहीं प्राइवेट एंबुलेंस चालक मरीज को प्राइवेट अस्पताल की ओर रास्ता दिखाते हैं

तो कहीं जिला अस्पताल में लगे दलाल उन्हें प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने का काम करते हैं.

यहाँ तक कि जिला अस्पताल का स्टॉफ भी इन मामलों में अछूता नहीं है. फिर चाहे वह मरीज को ले जाने की बात हो या मरीज की जांच कराने की.

कई बार तो मरीज के साथ अश्लील हरकत करने की घटना सामने आई है.  अभी बीते साल में जिला अस्पताल

का एक कर्मचारी अश्लील हरकतों के कारण जेल की सलाखों के पीछे भी धकेला गया था.

वहीँ साल 2022 के खत्म होने के बाद नया साल लगते ही जिला अस्पताल के एक स्टॉफ का कारनामा भी सामने आया है.

असोथर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व चौकी प्रभारी सदर को

एक शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए बताया बीते दिन को समय लगभग 5:00 बजे दुर्घटना में घायल हो

जाने के कारण मरीज हुआ उसका भाई तथा उसकी बहन जिला अस्पताल के इमरजेंसी में उपचार हेतु आए थे.

वहां पर कार्यरत नर्सिंग स्टॉफ रणविजय द्वारा बाजार से 700 का इंजेक्शन लाने के लिए मरीज के तीमारदारों को भेज दिया.

मरीज द्वारा आपत्ति व्यक्त करने पर उसे डांटने लगा और उसके शरीर के नाजुक अंगों के साथ भी अश्लील हरकत की तथा मरीज ने बताया कि उसके गुप्तांग में भी छेड़छाड़ की गई.

मरीज व उनके तीमारदारों ने ऐसे स्टाफ के ऊपर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था शिकायती प्रार्थना पत्र मिलने के बाद

मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच टीम गठित कर दोषी पाए जाने पर दोषी व्यक्ति ऊपर कार्यवाही की जाएगी.

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