भारत में जब अमीरों की सूची तैयार की गई तो उन्हें 10 अमीर लोगों की संपत्ति इतनी मिली है कि उससे आने वाले 25 वर्षों तक हर बच्चे को शिक्षा के लिए किसी प्रकार का खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडर शिखर सम्मेलन के पहले दिन जारी की गई ऑक्सफैम इंडिया के वार्षिक और समानता सर्वेक्षण में यह बताया गया है कि
यदि सबसे अमीर 10 लोगों पर 1% अतिरिक्त कर लगा दिया जाए तो देश को लगभग 17.7 अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मिल सकती है, तथा सरकारी स्वास्थ्य बजट में 271% तक की बढ़ोतरी भी हो जाएगी.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान लोगों की इनकम का गैप बढ़ा जिससे 2021 में भारत में 84% परिवारों की आय में कमी आई, लेकिन साथ ही साथ भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई। मोदी सरकार जनता के हित के लिए नहीं बल्कि मित्रों के हित के लिए काम कर रही है। pic.twitter.com/pdGCtRrN7x
— Congress (@INCIndia) January 17, 2022
आर्थिक असमानता पर ऑक्सफॉम की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 142 भारतीय अरबपतियों के पास कुल 719 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति संग्रहित है.
देश के सबसे अमीर 98 लोगों की कुल संपत्ति सबसे गरीब 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है.
सबसे हैरान करने वाला विषय है कि कोविड महामारी की शुरुआत एक साथ संकट के रूप में हुई थी, किंतु अब यह एक आर्थिक संकट बन गया है.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 84% भारतीयों की आय घाटी।
जबकि इसी दौरान अरबपतियों की संख्या 39% बढ़ी, जो 102 से बढ़कर 142 हो गई है।मोदी सरकार का सबका साथ, अरबपतियों का विकास जोरों से चल रहा है। pic.twitter.com/hwlIqScEVZ
— Congress Sevadal (@CongressSevadal) January 17, 2022
देश में जब सब तरह की गतिविधियां रुकी हुई थी, वैसे समय में राष्ट्रीय संपत्ति का 45% हिस्सा देश के सबसे 10 प्रतिशत
अमीर लोगों के पास पहुंची वहीं नीचे की 50% आबादी के हिस्से में सिर्फ 6% ही धन का संग्रहण हो पाया.