यूपीकोका, लोकतंत्र को सैन्यतंत्र में बदलने का फाॅसिस्ट षडयंत्र है!

यूपीकोका (उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियन्त्रण अधिनियम 2017) में संगठित अपराध की परिभाषा में शामिल अपराध है फिरौती के लिए अपरहरण करना, अवैध-खनन, गैर-कानूनी तरीके से शराब बनाना और बेचना, डरा-धमका कर किसी कि संपत्ति छीन लेना/संविदा को छीन लेना, संगठित रूप से जंगली जानवर और पेड़ों का व्यापार करना, नकली दवाइयां बनाना, सरकार कि … Read more

मीडिया, लोकतंत्र और पत्रकार?

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जब हमको लोकतंत्र और मीडिया के बारे में ABCD भी नहीं पता थी, तब  ही हमारे दिमाग में एक शब्द गढ़ दिया गया था। यह सब्द था चतुर्थ स्तंभ जो कि स्वतंत्र मीडिया के लिए था। हमको बचपन से ही यही सिखाया गया कि मीडिया लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा है बल्कि यहां तक बताया … Read more

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी सरकारी योजनाओं की सूची

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से वर्ष 2018 के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सामाजिक कल्याण के लिए शुरू की गयी सभी सरकारी योजनाओं की सूची इस प्रकार है। प्रधानमंत्री जन धन योजना प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा … Read more

आरटीआई बिल में संशोधन को विशेषज्ञों ने सूचना आयोग की स्वतंत्रता पर हमला बताया

लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2018 को सार्वजनिक कर दिया है. विधेयक के अनुसार केंद्रीय सूचना आयुक्तों और राज्य सूचना आयुक्तों का वेतन और उनके कार्यकाल को केंद्र सरकार द्वारा तय करने का प्रावधान रखा गया है. अभी तक मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त का वेतन मुख्य … Read more

पत्थरबाज और कश्मीर

स्वर्ग के नाम से मशहूर कश्मीर वर्तमान में पत्थर फेंकने वाले लोगों से गुलजार नजर आता है। स्वतंत्रता के पश्चात वर्तमान तक कश्मीर में कभी भी स्थाई शांति देखने को नहीं मिली ।  कुछ समय शान्ति रहने के पश्चात घाटी ओखी  चक्रवात की तरह ऊफान मारने लगती है। अलगाववादी पुनः सक्रिय हो जाते हैं तथा … Read more

क्या आपका आधार सुरक्षित है?

आज से कोई 7 साल पहले जब 2010 में आधार कार्ड बनने प्रारंभ हुए तब बड़ी उत्सुकता से लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई। तब शायद किसी के मस्तिष्क में यह प्रश्न उठा हो कि उंगलियों और आंखों की पुतली का निशान जो हम दे रहे हैं उससे हमारी पहचान का कहाँ तक दुरुपयोग हो … Read more

2G घोटाला और सीबीआई

समय के साथ परिवर्तन सकारात्मक दिशा में होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। 7 साल में हमारे देश के अंदर संचार क्षेत्र में एक क्रांति देखने को मिली हम 2 जी से 4जी चलाकर आनंद लेने लगे परंतु 7 साल में  2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का किसी मंजिल तक ना पहुंच पाना देश की जनता और संस्थानों के लिए  … Read more

झूठा लोकतंत्र ही सही लेकिन लोकतंत्र तो है।

  झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलो , सरकारी ऐलान हुआ है सच बोलो । राहत इंदौरी की यह पंक्तियां भला कौन भूल सकता है। और खासकर आज के दौर में तो बिल्कुल ही नहीं जब सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आदि  सभी पहलू  अपने नैतिकता नामक वस्त्र को छोड़ रहे हैं। यदि हम … Read more

PNB घोटाला और नीरव वापसी का जुमला

  ब्रिटिश राज से जब हम आजाद भारत में प्रवेश हुए तब समानता रूपी अवधारणा प्रमुख थी। इसी अवधारणा को आधार बनाते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाग तीन में मूल अधिकार के तहत सबको समानता प्रदान करने का प्रयास किया। सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व कानूनी रूपी समानता की बात राजनेता से लेकर … Read more

क्या कांग्रेस महाधिवेशन से 2019 की नैया पार कर पाएगी?

2014 के लोकसभा चुनाव के पश्चात देश में केवल और केवल बीजेपी पार्टी ही नजर आ रही है खासकर उत्तर भारत में। जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो  हमारे प्रधानमंत्री की रैलियों से वहाँ का पूरा वातावरण एक रंगीन माहौल में तब्दील हो जाता है। इस रंगीन माहौल को चुनाव परिणाम आने … Read more

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