BY- THE FIRE TEAM
सरकारी कंपनियां जैसे कि बीएसनल, एयर इंडिया, इंडिया पोस्ट के बाद अब सरकारी एविएशन कंपनी पवनहंस के ऊपर भी आर्थिक संकट के बादल छाने लगे हैं।
जेट एयरवेज के बाद एविएशन कंपनी पवनहंस के पास भी अब अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं हैं। कंपनी ने कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जानकारी दी कि वह अप्रैल महीने की सैलरी देने में सक्षम नही है।
कंपनी की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि इसे साल 2018-19 में लगभग 89 करोड़ का घाटा हुआ है। इसके अलावा कंपनी के ऊपर 230 करोड़ रुपये का कर्ज भी है।
नोटिस जारी करके कंपनी प्रबंधन ने कहा, “कंपनी की ओवरऑल परफॉमेंस की समीक्षा करते हुए सामने आया है कि कंपनी असहज आर्थिक परिस्थिति से गुजर रही है। इंडस्ट्री का भविष्य भी तय नहीं है। आर्थिक परफॉमेंस के मामले में 2018-19 में कंपनी का रिवेन्यू तेजी से कम हुआ है और कंपनी को 89 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।”
हालांकि, कंपनी को दिवालिया होने से हर संभव कोशिश की जा रही है, इसके लिए कंपनी ने ओवरटाइम देना बंद कर दिया है। अब सिर्फ टेक्निकल स्टाफ ही ओवरटाइम कर सकता है बाकी अन्य को ओवरटाइम का कोई चार्ज नही मिलेगा।
कंपनी के हालात सुधारने के लिए फंड्स की जुगाड़ की जा रही है ताकि कर्मचारियों को सैलरी दी जा सके और साथ ही कंपनी के ऊपर जो 230 करोड़ रुपये का कर्ज है उसे भी निपटाया जा सके।
230 करोड़ कर्ज के अलावा भी कंपनी के ऊपर कई और देनदारियां बाकी हैं लेकिन अभी ऐसे हालात हैं कि उन्हें चुकाया नही जा सकता।
पवनहंस के पास अभी 46 हेलीकाप्टर हैं।
एविएशन सेक्टर से खबर आ रही है कि पवनहंस की तरह एक और एविएशन कंपनी की हालत खराब होने वाली है।