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गोरखपुर: पीएम नरेंद्र मोदी ने विकास भवन सभागार में सीडीओ संजय कुमार मीना, डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह सहित ग्राम प्रधानों,

उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में रीवा से ऑनलाइन जुड़कर ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’, एकीकृत ई ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का उद्घाटन किया.

17,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करते हुए उन्होंने रीवा के एसएएफ मैदान में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया.

इस दौरान उन्होंने ई-जेम और ई-ग्राम स्वराज के एकीकृत पोर्टल साथ ही समावेशी विकास के पोर्टल का भी शुभारंभ किया.

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह के अवसर पर मध्य प्रदेश के रीवा में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि

“पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र की भावना को बढ़ावा देने के साथ हमारे नागरिकों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करती हैं.

देश की ढाई लाख से अधिक पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.”

उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि सरकार देश में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है.

अब पंचायतों के लिए आवंटित बजट को 2014 के बाद दो लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है जो पहले 70,000 करोड़ रुपये से कम था.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने ग्रामीण भारत के जीवन को आसान बनाने के लिए जो भी योजनाएं बनाई हैं, पंचायतें उन्हें पूरे समर्पण के साथ धरातल पर उतार रही हैं.

पीएम ने कहा, 2014 से पहले 6,000 पंचायत घर बने थे लेकिन पिछले 8 साल में 30 हजार नए पंचायत घर बने हैं.

उन्होंने कहा, हर सिर पर एक छत, हर गरीब के लिए एक घर के रूप में पीएम आवास योजना लाखों भारतीयों के लिए एक घर का सपना पूरा कर रही है, पूरे देश में परिवारों के लिए एक बेहतर कल का निर्माण कर रही है.

पीएम ने कहा कि पूज्य बापू कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है लेकिन कांग्रेस ने गांधी के विचारों को भी अनसुना किया.

90 के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति की, ध्यान नहीं दिया. 2014 के बाद से देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया.

आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं. भारत की पंचायत गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं. पीएम मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना के 4 लाख 11 हजार हितग्राहियों के गृह प्रवेश समारोह में भी शामिल हुए.

पीएम ने पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का उद्घाटन किया.

इस परियोजना का उद्देश्य पंचायतों को जीईएम के माध्यम से अपने सामान और सेवाओं का विपणन करने में सक्षम बनाना है.

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