देश में 100 करोड़ लोगों के कोविड-19 टीकाकरण की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टीकाकरण अभियान को विज्ञान जनित, विज्ञान संचालित और विज्ञान आधारित बताया है.
साथ ही यह भी कहा कि इसमें कोई वीआईपी संस्कृति नहीं है. राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि-
“आज चारों तरफ से विश्वास है, उत्साह उमंग है तथा समाज से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर तबके में आशावाद-आशावाद ही नजर आ रहा है. यद्यपि हम लगातार कोविड टीकाकरण को सफलतापूर्वक कर रहे हैं.”
किंतु फिर भी प्रधानमंत्री ने आगामी त्योहारों को देखते हुए मास्क पहनने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल को फॉलो करने की सलाह दिया है.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि- “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा टीकाकरण अभियान विज्ञान जनित, विज्ञान संचालित, विज्ञान आधारित है.
भारत का संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान की कोख जन्मा है. वैज्ञानिक आधार पर बनता है और वैज्ञानिक तरीकों से ही चारों दिशाओं में पहुंच रहा है.
उन्होंने सरकार के आलोचकों पर निशाना साधते हुए याद दिलाया कि जब देश के लोगों ने ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दिए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी.?
दरअसल हम सभी ने इन गतिविधियों के माध्यम से देश की एकता, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखाने का प्रयास किया था.
भारत के लोगों ने सबको वैक्सीन डोज लेकर ऐसे लोगों को निरुत्तर कर दिया है जिन्हें विश्वास ही नहीं था की इतने संयम और अनुशासन के साथ लोग टीका लगाएंगे.
100 करोड़ टीके की खुराक महज एक आंकड़ा नहीं है बल्कि यह देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब और इतिहास के नए अध्याय की रचना है.
यह उस नवीन भारत की तस्वीर है जो कठिन लक्ष्य निर्धारित करके उन्हें हासिल करना जानता है. यह उस भारत की तस्वीर है जो अपने संकल्पों की सिद्धि के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करता है.