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प्रयागराज: जीते जी इस दुनिया में हमारे कर्म ही हमें अपनों के बीच खास बनाते हैं और वही हमें अपनों से दूर भी कर देते हैं. कुछ ऐसा ही मंजर माफिया से नेता बने

अतीक अहमद के बेटे असद तथा उसके शूटर गुलाम के साथ भी देखा जा सकता है. उमेश पाल हत्याकांड में नामजद असद तथा मोहम्मद गुलाम को

एसटीएफ ने झांसी में मार गिराया जिसके बाद इन दोनों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया और अब इसे झांसी से प्रयागराज सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की निगरानी में लाया जा रहा है.

ऐसा बताया जा रहा है कि असद के साथ मारे गए मोहम्मद गुलाम को कसारी-मासरी इलाके में स्थित कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा.

सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि असद अहमद और शूटर गुलाम के शव परिजनों की जगह रिश्तेदारों को सौंपे गए हैं.

गुलाम के भाई राहुल हसन और उसकी मां खुशनुदा ने बताया कि मैंने उसके सामने हाथ जोड़े थे कि सुधर जाओ लेकिन वह नहीं माना, पुलिस ने जो किया वह सही है.

ना जाने वह कब अतीक अहमद से जुड़ गया, इसका ठीक ढंग से कुछ कह पाना संभव नहीं है. किंतु इतना जरूर है कि 2007 में हुए मर्डर के मामले में वह जेल गया था.

वहीं अतीक अहमद ने बतौर पिता होने के नाते असद के जनाजे में शामिल होने के लिए अदालत में अर्जी लगाई है. इस संबंध में अधिवक्ताओं ने बताया कि

जब अतीक के पिता फिरोज अहमद की मृत्यु हुई थी तो उस समय वह जेल में बंद था और उसे पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए अनुमति मिल गई थी.

आज बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए फरियाद कर रहा है. हालांकि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित करने के साथ उस पर ₹50,000 का इनाम भी रखा है.

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वह भेश बदल कर अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल हो सकती है. इसके निगरानी के लिए सादे कपड़ों तथा नकाब में महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है, जो उस पर कड़ी नजर रखी हुई है.

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