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प्रयागराज: मकर संक्रांति के पावन पर्व पर प्रयागराज के संगम की त्रिवेणी में स्नान और दान का कार्य जोरों पर चल रहा है. यहां भारी संख्या में श्रद्धालु आए हुए हैं तथा त्रिवेणी में स्नान करके गुड़ और तिल का दान भी कर रहे हैं.

ऐसी मान्यता है कि पूरे माघ मास में देवता भी संगम के तट पर आकर वास करते हैं. यही वजह है कि माघ के महीने में संगम की रेती पर कल्पवास और स्नान का विशेष महत्व स्वभावत: हो जाता है.

इस अवसर पर आस्था से जुड़े लोग लोककल्याण की समस्त कामनाओं को लेकर तीर्थ यात्रा करते हुए दान करते हैं.

वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोना के एक और नए वैरीअंट के आने के बावजूद माघ मेले में जो कल्पवासी आए हुए हैं, वह जीवन और मृत्यु के बंधनों से

मुक्ति की कामना को लेकर अलौकिक शक्ति और ऊर्जा प्राप्त करने के लिए संगम की रेती में 1 माह तक कठिन तप और जप में भी जुटे हुए हैं.

मकर संक्रांति का क्या है महत्व?

इस अवसर पर श्रद्धालु स्नान, दान तथा पूजा पाठ करते हैं ताकि उनके घरों में सुख, समृद्धि बढ़े  तथा नकारात्मकता खत्म हो. इस दिन जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र और कपड़े दान किया जाता है.

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