प्रेस इंटरनेशनल संस्थाओं ने मोदी को चिट्ठी लिखकर पत्रकारों के खिलाफ मामले को वापस लेने का किया आग्रह

मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना महामारी के संक्रमण के दौर में जिन संपादकों, पत्रकारों और मीडिया कर्मियों ने संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का कवरेज किया था उन पत्रकारों को आड़े हाथों लेते हुए विभिन्न राज्यों की सरकारों ने कई मुकदमे दर्ज कर दिए हैं.

ऐसे में दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ‘द इंटरनेशनल प्रेस इंस्टिट्यूट’ तथा ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ ने प्रधानमंत्री मोदी से पत्र लिखकर विशेष तौर पर आग्रह किया है कि-“पत्रकारों पर लगने वाले आरोपों तथा उनके उत्पीड़न को तत्काल रोका जाए.”

आपको यहां बताते चले कि कुछ पत्रकारों के ऊपर तो आईपीसी की धारा 124 ए के अंतर्गत राजद्रोह तक के मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

इस संबंध में सबसे गंभीर मामला केरल के पत्रकार सिद्धि कप्पन का है जिन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में घटित मनीषा बाल्मीकि कांड की रिपोर्टिंग किया है.

इन संस्थानों ने लिखा है कि स्वास्थ्य संकट का उपयोग उन लोगों को चुप कराने के लिए किया जा रहा है. इन्होंने सरकार की कमियों को उजागर किया है जिसे सरकार होने नहीं देना चाहती है.

हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि सच्चे और वास्तविक लोकतंत्र का महत्व तभी सामने आ सकता है जब मीडिया को बोलने की आजादी हो.

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