देश में सरकारी संस्थानों के बढ़ते निजीकरण जैसे बीपीसीएल, गेल, सेल आदि से लेकर विद्युत् विभाग तक के प्रति कर्मचारियों एवं अधिकारियों का रोष अब बढ़ता जा रहा है.
इस विषय को लेकर गोरखपुर क्षेत्र के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मुख्य अभियंता कार्यालय के प्रांगण में उपस्थित होकर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की एवं सरकार को आगाह किया कि-
“सरकार कल के मशाल जुलूस से सबक लेते हुए अविलंब प्रस्तावित निजीकरण को वापस लेने की कार्यवाही करें अन्यथा हम सभी कर्मचारी जेल भरने से भी पीछे नहीं हटेंगे.”
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर को कल के मशाल जुलूस के साथ ही विद्युत मजदूर संगठन एवं विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन का समर्थन भी प्राप्त हुआ है.
इस सभा को संबोधित करते हुए अशोक कुशवाहा ने कहा कि- “कारपोरेशन को हम अपनी मां की तरह मानते हैं और हमारे देश में मां-बहनों पर नजर उठाने वालों की आंखें फोड़ दी जाती है तो सरकार समझ ले कि हम उसके साथ क्या कर सकते हैं, यदि हम मरना जानते हैं तो मारना भी जानते हैं.”
वहीं रूद्र प्रताप सिंह ने कहा कि- हम सभी बिजली कर्मचारी कोरोना जैसी महामारी में लॉकडाउन के समय भी जान हथेली पर रखकर आम जनता को निर्बाध बिजली पहुंचाने का कार्य किए. हम सभी के त्याग का सरकार द्वारा इस तरह इनाम दिया जाना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है.
हम जैसे कर्मचारी जो सरकार की एक आवाज पर अपनी जान की परवाह न करते हुए निरंतर कार्य करते रहे उनको यह प्रतिफल मिल रहा है तो आम जनता इस सरकार से क्या अपेक्षा कर सकती है?
इंजीनियर सरोजिनी सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि- हम गोरखपुर के निवासी हैं और जिन योगी महा राज को हम अपना मुखिया मानते हैं, अपना अगुआ मानते हैं,
जो बरसों से हमारे गोरखपुर का नेतृत्व करते आए हैं, वह बिना हमारा और हमारे परिवार का ख्याल किए इस तरह का संवेदनहीन निर्णय कैसे ले सकते हैं यह हमारी समझ से परे है.
नरसिंह मौर्या ने एक स्वरचित सुंदरकांड के माध्यम से सरकार पर हमला किया कि हम सरकारी हैं तो हमें सरकारी ही रहने दें, हमे प्राईवेट करने का दुस्साहस ना करें,
क्योंकि यदि विद्युत विभाग प्राइवेट हो गया तो आम जनता में त्राहि-त्राहि मच जाएगी जिससे सरकार की छवि धूमिल होगी और आने वाले चुनाव में इसका विपरीत असर सरकार पर पड़ सकता है.
इंजीनियर शिवम चौधरी ने सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि जो सरकार कहती है कि- मैं देश नहीं बिकने दूंगा, वह एक-एक करके बीएसएनल, गेल, BHEL, एयरपोर्ट, रेलवे सहित
अनेक विभागों को लगातार बेचती जा रही है. यह दोगली सरकार यह बात जान ले कि हम जान दे देंगे लेकिन गोरखपुर की धरती पर किसी निजी कंपनी को टिकने नहीं देंगे.
विरोध प्रदर्शन के इस मौके पर विपिन सिंह, मनीष राय, संदीप श्रीवास्तव, राम अवतार यादव, सरोजनी सिंह, विनीता सिंह, पूजा सिंह, रामकिशन, सुजीत सिंह, हरिश्चंद्र आदि समेत सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे.