BY- THE FIRE TEAM
कश्मीर के लोगों के समर्थन में आईआईएम चौराहे से बिठौली तक जुलूस निकाला गया।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कार्यक्रम के मूल आयोजकों ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय के छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने धमकाकर कार्यक्रम में शामिल होने से रोका।
एक तरफ छात्रों को रोका गया तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में आतंकवादी घटनाओं के आरोपी इन्द्रेश कुमार का कार्यक्रम कराया गया।
कश्मीर के लोगों के संघर्ष को लखनऊ की अवाम ने सलाम किया और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली के लिए साथ देने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में बड़ी तादाद में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
लगाए गए नारे
लोगों ने नारे लगाए की जम्मू और कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करो, 370 बहाल करो, मां-बहनों का उत्पीड़न बंद करो, तेरह हजार बच्चे कहाँ हैं मोदी सरकार जवाब दो, कैद नेताओं-सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करो, पैलेट गन चलना बंद करो, कश्मीर से फौज हटाओ, माताओं-बहनों का सम्मान करो, विधानसभा बहाल करो।
कश्मीर में पाबंदी के बाद लखनऊ में कश्मीरियों के समर्थन में कार्यक्रम पर पाबंदी और नेताओं की बार-बार नजरबंदी के बीच आज निकले जुलूस ने साबित कर दिया कि सरकार इस तरह की पाबंदी लंबे समय तक नहीं लगा सकती।
लोकतंत्र का गला घोंटने की उसकी कोशिशें आज लखनऊ में नाकाम हुईं।
जुलूस में शामिल लोग
तीन किलोमीटर निकले जुलूस में मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय, जीनत, शकील कुरैशी, सृजनयोगी आदियोग, गौरव सिंह, बांकेलाल, सरफराज, रॉबिन वर्मा, अभ्युदय प्रताप सिंह, वीरेंद्र, रविन्द्र, वसी अहमद, कविता, रेनू, मनीषा, अनुराग सिंह, राजीव यादव आदि शामिल रहे।
द्वारा-
राजीव यादव
9452800752
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