जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान होना एक बड़ी गलती-डोभाल

 

BYTHEFIRE TEAM

आज जिस कदर का विरोध प्रदर्शन जम्मू कश्मीर राज्य के लोगों के द्वारा किया जा रहा है वह भारत की एकता अखंडता के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

डोभाल ने कश्मीर पर यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

अनुच्छेद 35-ए के तहत जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को खास तरह के अधिकार और कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं।

देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा  कि उन्होंने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान किया है।

कश्मीर में दिनोदिन अलगाववादी प्रविर्तियाँ बढ़ती जा रही हैं तथा वहां का बड़ा जनसमूह आज अपने ही देश की रक्षा करने वाले सैनिकों पर जानलेवा पथराव करते रहते हैं।

आखिर इस प्रकार की परिस्थितियां क्यों उपजी हैं ? और इसके पीछे कौन सी ताकतें कार्य कर रही हैं ?

डोभाल ने कहा  कि- संप्रभुता को ‘‘न तो कमजोर किया जा सकता है और न ही गलत तरीके से परिभाषित किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए तो संभवत: वे भारत को एक मजबूत संप्रभु देश के रूप में छोड़कर नहीं जाना चाहते थे।’’

देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि उन्होंने देश की मजबूत आधारशिला रखने में अहम योगदान किया है।

सरदार पटेल ने जिस प्रतिबद्धता के साथ भारत को एकजुट किया आज हमें वैसे ही प्रयास करने की जरूरत है।

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