केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध लंबे समय से चल रही लड़ाई को और धारदार बनाने के लिए कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अपनी फसल का बलिदान देने के लिए भी तैयार हैं.
‘Farmer’ leader Rakesh Tikait threatens to burn crops if govt asks to end protestshttps://t.co/DM5G7M7kAu
— OpIndia.com (@OpIndia_com) February 19, 2021
जब तक सरकार इन तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लेगी तब तक किसान अपना आंदोलन खत्म करने वाले नहीं हैं. हरि याणा के हिसार में एक गांव में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने बताया कि-
“सरकार का कहना है कि किसान अब गेहूं की फसल की कटाई के लिए गांव को वापस लौट जाएंगे. मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर जरूरत पड़ी तो आपको अपनी एक फसल का बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए.”
आपको अपनी खड़ी फसल को जलाने के लिए तैयार रहना होगा किसानों को बड़े आंदोलन के लिए तैयार करने की रणनीति पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान इस बार हल क्रांति करेंगे.
आपको यहां बताते चलें कि केंद्र के द्वारा पारित कानूनों के विरुद्ध पिछले 80 दिनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
Security has been tightened in both Haryana and Punjab with personnel of the government railway police and the state police forces being deployed. #FarmersProtest #RailRoko https://t.co/ALLMmxaewy
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) February 18, 2021
अभी बीते 26 जनवरी के दिन किसानों का एक बड़ा हुजूम अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लाल किला तक पहुंच चुका था जिसमें पुलिस और किसानों के बीच झड़पें भी हुई.
बहुत सारे किसान घायल हुए, कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थी. यदि वर्तमान स्थिति देखी जा तो किसानों को अलग-अलग राज्यों का समर्थन जैसे-पंजाब, हरियाणा के अतिरिक्त
पश्चिम बंगाल, कर्नाटक तमिलनाडु, गुजरात भी मिल रहा है. इसे देखकर ऐसा लगता है कि किसान अपनी बात मनवा करके ही अपने घरों की ओर लौटेंगे.