लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 इस बार दिलचस्प होने जा रहा है. इसके पीछे क्या वजह है इसकी अगर बात करें तो
बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम तथा कोर कमेटी के चेयरमैन साहब सिंह धनगर ने मिलकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि-
“आजादी के 75 वर्षों के बाद भी देश में विद्यमान सभी धर्मों, वर्गों, समुदायों और जातियों के लोगों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में शिक्षा,
नौकरी, व्यापार, राजनीति आदि किसी भी क्षेत्र में समानुपातिक हिस्सेदारी नहीं मिली है. इसके कारण 90% मूलनिवासी जिसमें एससी,
एसटी, ओबीसी एवं माइनॉरिटी वर्गों के लोग शामिल हैं, आज इन वर्गों के समाज में व्याप्त आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक, राजनैतिक दीनता को आसानी से देखा जा सकता है.”
ऐसे में इनके वास्तविक अधिकार को दिलाने के लिए आज तमाम 31 राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मति से राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा का गठन किया है.
मोर्चा ने अपने घोषणापत्र में बताया है कि 90% मूल निवासियों को सभी क्षेत्रों में उनकी जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी दिलाने,
किसानों के उत्थान के लिए कृषि क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने, बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने तथा रोजगार न पाने की स्थिति में उन्हें बेरोजगारी भत्ता
#लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 में भाजपा को हराने के दृष्टीकोण से 31 दलों को लेकर #राष्ट्रीय_परिवर्तन_मोर्चा की अधिकृत घोषणा मा वामन मेश्राम साहब के नेतृत्व में प्रेस क्लब, लखनऊ में प्रेस वार्ता की गई…. pic.twitter.com/GI4EkE4gul— Uday Bhan Chourashiya obc Mulnivasi (@BhanChourashiya) November 30, 2021
दिए जाने की व्यवस्था करने के साथ ही देश में सस्ती निशुल्क एवं उच्च शिक्षा दी जाएगी. देश में शिक्षा के निजीकरण को रोकने के लिए शिक्षा बजट का प्रावधान किया जाएगा.
अभी शिक्षा बजट मात्र 3% है उसे बढ़ाकर 10% तक करना होगा, भारत से गरीबी, कुपोषण, भुखमरी आदि समस्याओं के निराकरण
के लिए सम्मानजनक जीवन जीने हेतु भरण-पोषण व्यवस्था का संकल्प लिया गया है. विदेशों में जमा काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करना,
लोकसभा, विधानसभा के चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से किये जाएंगे. अन्य पिछड़े वर्गों की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी.
महिलाओं को स्वतंत्र चुनाव क्षेत्रों में सीटें देने के साथ ही विधान मंडलों एवं संसद में प्रतिनिधित्व दिलाना, खाली पड़ी कृषि योग्य सरकारी जमीनों का
भूमिहीनों को आवंटित करना, रोजगार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र में एससी, एसटी, ओबीसी और माइनोरिटी की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रबंधन किया जाएगा.
सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कराना, गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को एक निर्धारित सीमा तक बिजली पानी की निशुल्क व्यवस्था कराना,आज राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा के द्वारा लिए गए प्रमुख संकल्प हैं.
ध्यान देने वाला विषय यह है कि संकल्प पत्र में घोषित सारे वादों को ₹100 के स्टांप पेपर पर लिखित रूप में लोगों के समक्ष रखा जाएगा. यह मोर्चा पूरी ताकत के साथ उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
जिन राजनीतिक दलों ने इस मोर्चे का गठन किया है उनमें प्रमुख हैं-बहुजन मुक्ति पार्टी, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी, स्वतंत्र जनता राज पार्टी,
समदर्शी समाज पार्टी, भारतीय सबका दल, अखंड समाज पार्टी, अभय समाज पार्टी, गरीब स्वराज पार्टी, राष्ट्रीय सत्याग्रह पार्टी, इंसाफ वादी पार्टी, लोकतांत्रिक साझा पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग आदि.