BY- THE FIRE TEAM
नरेंद्र मोदी सरकार के राजस्व घाटे को उबारने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 30 वर्षों में पहली बार अपने भंडार से सोना बेचने की ओर रुख किया है।
बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के बाद, RBI ने अब तक 1.15 बिलियन डॉलर का सोना बेचा है। इसने जुलाई, 2019 से 5.1 बिलियन डॉलर का सोना खरीदा भी है।
अगस्त तक RBI के पास 1.987 मिलियन औंस सोना था।
11 अक्टूबर को फॉरेक्स रिजर्व में 26.7 बिलियन डॉलर का सोना रखा गया था।
बिमल जालान की अगुवाई वाली समिति की सलाह में सरकार के साथ सोने में वैल्यूएशन का लाभ साझा नहीं करना, बल्कि कीमती धातु के व्यापार से सरकार के साथ मुनाफा साझा करना शामिल है।
जालान समिति का गठन 2019 में किया गया था ताकि सरकार के राजस्व की कमी को दूर करने के लिए RBI कदम उठा सके।
संयोग से, जालान समिति ने केंद्र को RBI के अधिशेष के हस्तांतरण की भी सिफारिश की थी, जिसके बाद 1.76 लाख करोड़ रुपये मोदी सरकार को हस्तांतरित किए गए थे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता, सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार दिवालिया हो रही है? अपनी लापरवाही, अपने प्रचार, और असत्य के प्रसार के लिए लोगों की दौलत बेच रही है।”
Modi government going bankrupt? Selling people’s wealth to meet its profligacy and for its propaganda, spin and spreading of untruths. pic.twitter.com/32MBMMl3oF
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 25, 2019
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