उत्तर प्रदेश में इस समय धर्मांतरण का मामला फिर से गर्माना शुरू हो गया है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की रहने वाली रेनू गंगवार
जब से इस्लाम धर्म स्वीकार करके आयशा अल्वी बनी तभी से उसकी निजता तथा परिवारिक सुरक्षा को लेकर लगातार उसे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हिंदुओं पर #धर्मांतरण_जिहाद का चौतरफा हमला … दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर रेनू गंगवार को बना दिया गया आयशा #धर्मांतरण_नियंत्रण_कानून_चाहिए
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इस संबंध में रेनू उर्फ आयशा का कहना है कि- “धर्म बदलने के बाद उसे लगातार यूपी पुलिस, मीडिया तथा अनेक धार्मिक संगठन मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं.”
यहां तक कि उसे जान से मारने तक की धमकी भी मिल रही है. मीडिया जहां उसके धर्म परिवर्तन को लेकर दुर्भावनापूर्ण सामग्री छाप रही है वहीं दूसरी ओर पुलिस कानूनी दांवपेच में उलझा कर उसका जीवन दूभर कर रखा है.
थक. हारकर उसने वकील कमलेश कुमार मिश्रा और नितिन कुमार नायक के माध्यम से दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर करते हुए कहा है कि-
“वह व्यस्क है, तथा देश का संविधान उसे अपना स्वयं का मनचाहा धर्म अपनाने का अधिकार देता है.
यदि वह अपनी मर्जी से किसी भी धर्म का चुनाव करती है तो उसे प्रताड़ित नहीं किया जा सकता.”
इस याचिका का संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश सी हरि शंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह रेनू यानी आयशा की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाये.