आजमगढ़: रिहाई मंच ने बाढ़ क्षेत्रों का किया दौरा और उजागर की वहां की समस्याएं


BY- THE FIRE TEAM


बारिश कम होने के बावजूद आज़मगढ़ में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। रिहाई मंच के साथियों और समर्थकों से मिल सूचनाएं भयावह दृश्य प्रस्तुत करती हैं। सगड़ी और लाटघाट क्षेत्र में खासकर स्थिति बहुत खराब है।

रिहाई मंच के बाकेलाल यादव, जोगिंदर प्रधान, टाइगर यादव, गोलू यादव ने सगड़ी तहसील क्षेत्र के नरईपुर, लाड़ और लूचुई गांवों का दौरा किया।

केवल इन्हीं तीन गांवों में बारिश और जलजमाव के कारण 50 से अधिक माकन गिर पाए गए।

हरैया गांव में मकान गिरने से दो लोग घायल हो गए। क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में पानी भर गया है, रास्ते पानी में डूबे हुए हैं। फसले पानी में डूबी हुई हैं।

पेड़ों के गिरने से बिजली के तार टूट गए हैं जिसके कारण गत दो दिनों से बिजली की आपूर्ति बाधित है। बेघर हो चुके ग्रामीणों को अभी तक किसी प्रकार की सरकारी मदद नहीं मिली है।

जिला प्रशासन ने भी अभी तक कोई सुध नहीं ली और न ही विद्युत विभाग ने आपूर्ति बहाल करने के लिए कोई कदम उठाया है।

सिराजपुर गांव जाने के लिए तमसा नदी पर बना पुल बह गया है। गांव के लोग गांव में ही फंस कर रह गए हैं। घरों में पानी भर गया है।

ग्रामीणों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहां से तत्काल फंसे हुए लोगों को निकालने की ज़रूरत है।

कस्बा फूलपुर में नदी किनारे स्थित कई घरों में पानी भर गया है। दो बुज़ुर्ग दम्पत्ति और एक 22 वर्षीय नवजवान को स्थानीय तैराक शिल्पी की मदद से निकाला गया।

प्रशासन की मदद से घरों को खाली करवाकर कर लोगों को अस्थाई रूप से धर्मशाला में पनाह दी गई है।

इंसाफ अभियान के विनोद यादव ने बताया कि आज़मगढ़ शहर की कई कॉलोनियों में पानी भर जाने के कारण स्थानीय लोगों को मकान के ऊपरी भाग या अंन्यत्र शरण लेनी पड़ी है।

मेंहनगर क्षेत्र के कई इलाकों में बाढ़ और जलजमाव के कारण घरों में पानी भर जाने के कारण अनाज व खाद्य सामग्री भीग गई है।

छप्पर वाले घरों में लोग अपना सामान सुरक्षित रख पाने असमर्थ हैं। खाना बनाने और खाने की स्थिति नहीं रह गई है।

कई क्षेत्रों में धान की फसल का पहले बारिश की कमी से बुरा हाल था। अब फसलें बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों को अभूतपूर्व विकट स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन की कुल चौकसी मात्र बाढ़ वाले कुछ इलाकों से लोगों को निकालने तक ही सीमित है। गांवों में जलजमाव के संकट को समझने और भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए किसी स्तर पर सरकारी अमले का कोई अतापता नहीं है।

बाढ़ का पानी उतरने के बाद कई तरह की बीमारियों की आशंका होती है। खासकर जलजमाव के कारण पानी के दूषित होने से उत्पन्न होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए शासन और प्रशासन को विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।

ज़रूरत इस बात की भी है कि बाढ़ से किसानों को होने वाले नुकसान का सही आंकलन कर मुआवज़े के बारे में भी प्रशासन उचित कदम उठाए।


मसीहुद्दीन संजरी
80906 96449


[mks_social icon=”facebook” size=”35″ style=”rounded” url=”http://www.facebook.com/thefire.info/” target=”_blank”] Like Our Page On Facebook Click Here


 

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!