उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के अंतर्गत आने वाले चंदापा में हुए गैंगरेप के बाद पीड़िता की मौत तथा पुलिस द्वारा रात्रि में जबरदस्ती उसका दाहसंस्कार करने की घटना के बाद पीड़िता के परिवार से बड़े-बड़े नेताओं
जैसे कांग्रेसी नेता राहुल और प्रियंका गाँधी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद आदि का मिलना शुरू हो गया है.
इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी अपनी पार्टी के नेताओं के साथ हाथरस की गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंचे.
हाथरस में कायराना हरकत पुलिस अपनी सुरक्षा में गुड़िया के घर लेकर गई लौटते समय हमला हुआ MLA राखी बिडलान अजय दत्त व फ़ैसल लाला साथ थे,योगी जी आप “ठाकुर नही कायर हो” मुझ पर चाहे जितने मुक़दमे लिखो जेल भेजो लाठी चलाओ या हत्या करवा दो लेकिन गुड़िया के लिये न्याय की लड़ाई जारी रहेगी pic.twitter.com/8DA9ln4ZYo
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 5, 2020
किंतु जैसे ही वह वापसी के लिए निकले तो उन पर एक दक्षिणपंथी व्यक्ति दीपक शर्मा ने स्याही फेंक कर हमला कर दिया. इस घटना के पश्चात संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि-
“आप स्वयं को ठाकुर बिरादरी का बताते हैं किंतु जब आपके ऊपर मात्र दो मुकदमे लिखे गए थे तो आप संसद के अंदर फूट-फूट कर रो रहे थे. आप पीछे से वार करते हैं, यह ठाकुरों का काम नहीं है. आपने अपनी कायराना हरकत का परिचय दिया है.”
अब आपकी काली करतूतें जनता के सामने उजागर हो चुकी हैं, आपकी हरकतें बता रही हैं कि आप दरिंदों के साथ खड़े हैं. योगी जी आप क्या जाने एक बेटी का दर्द? मैं एक बेटी का पिता हूँ और मुझे बेटियों का दर्द अच्छे से समझ में आता है. यदि आपका परिवार होता तो शायद आप समझ पाते बेटियों का दर्द क्या होता है?
आपके कानों तक गुड़िया की चीख सुनाई नहीं दी आप क्यों नहीं समझ पाए लखीमपुर खीरी की बेटी का दर्द जौनपुर की महिलाओं का दर्द बलरामपुर की उस बेटी की पीड़ा जो गैंगरेप का शिकार हुई फिर दरिंदों ने उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिये.
संजय सिंह ने कहा कि- उत्तर प्रदेश में कोई भी भ्रष्टाचार, अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाने की कोशिश करता है तो आप उसके ऊपर मुकदमे चलाने लाठी मारने जेल भेजने और गोली से डराने कि हमेशा कोशिश करते हैं.
मैं पिछले तीन-चार महीनों में कई मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ रहा हूं और जहां-जहां अत्याचार अन्याय हुआ है, मैंने ठोस तरीके से आवाज उठाई उठाया.
मेरे खिलाफ 1 महीने में आपने 14 मुकदमे लिखवा दिए लेकिन याद रखें मैं आपके इन मुकदमों से डरने वाला नहीं हूं. मैं शोषण और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा.