केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के द्वारा विगत 21 दिनों से छेड़े गए हड़ताल और उनकी मांगों को सरकार के द्वारा विचार न करने पर अत्यंत दुखी अवस्था में
Sant Baba Ram Singh shot himself as he was unable to bear the “pain of farmers”. #FarmersProtests #santramsingh #babaramsingh #santbabaramsingh #Sikh #Sikhpriestsuicide #FarmBills2020 #Farmers https://t.co/o0CCZJ983q
— India.com (@indiacom) December 16, 2020
संत बाबा राम सिंह सिंगड़ा ने खुद की पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली. ऐसा बताया जा रहा है कि राम सिंह किसान समस्याओं और मौजूदा किसान आंदोलन को लेकर काफी दुखी थे.
उन्होंने खुदकुशी करने से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें बाबा ने लिखा है कि- “किसानों का दुख देखा है, अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे बहुत दुख हुआ है. सरकार उन्हें न्याय नहीं दे रही है,
जो कि जुल्म है जो जुल्म करता है वह पापी है. जुल्म सहना भी पाप है, किसी ने इस जुल्म के विरुद्ध किसानों के हक में पद्म भूषण और विभूषण जैसे पुरस्कारों को सरकार को वापस करके अपना रोष जताया है.“
India cannot tolerate the pain borne by our farmers. Please put an end to the suffering of our farmers.#SantRamSingh pic.twitter.com/0erI1SyT6u
— DrSyed Md Sabir 🇮🇳 (@drsabirsyed) December 16, 2020
तो कुछ ने ठंड के इस ठिठुरते मौसम में पिछले 20 दिनों से लगातार दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों की सीमाओं पर तंबू में धरना प्रदर्शन दे रहे हैं.
इसी क्रम में किसानों के हक के लिए तथा सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार राम सिंह आत्मदाह करता है. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और किसानों के लिए उठी आवाज है- वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह