किसानों के दुःख से दुखी संत बाबा राम सिंह सिंगड़ा ने खुद को गोली मारकर किया खुदकुशी

केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के द्वारा विगत 21 दिनों से छेड़े गए हड़ताल और उनकी मांगों को सरकार के द्वारा विचार न करने पर अत्यंत दुखी अवस्था में

संत बाबा राम सिंह सिंगड़ा ने खुद की पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली. ऐसा बताया जा रहा है कि राम सिंह किसान समस्याओं और मौजूदा किसान आंदोलन को लेकर काफी दुखी थे.

उन्होंने खुदकुशी करने से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें बाबा ने लिखा है कि- “किसानों का दुख देखा है, अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे बहुत दुख हुआ है. सरकार उन्हें न्याय नहीं दे रही है,

जो कि जुल्म है जो जुल्म करता है वह पापी है. जुल्म सहना भी पाप है, किसी ने इस जुल्म के विरुद्ध किसानों के हक में पद्म भूषण और विभूषण जैसे पुरस्कारों को सरकार को वापस करके अपना रोष जताया है.

तो कुछ ने ठंड के इस ठिठुरते मौसम में पिछले 20 दिनों से लगातार दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों की सीमाओं पर तंबू में धरना प्रदर्शन दे रहे हैं.

इसी क्रम में किसानों के हक के लिए तथा सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार राम सिंह आत्मदाह करता है. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और किसानों के लिए उठी आवाज है- वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह

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