संयुक्त किसान मोर्चा के विशेष आह्वान पर आने वाली तारीख 31 जनवरी, 2022 को देशभर में विश्वासघात दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
इसके अंतर्गत जिला और तहसील स्तर पर रोष प्रदर्शन आयोजित होंगे जिसे लेकर किसान मोर्चा से जुड़े हुए सभी छोटे-बड़े संगठनों के द्वारा बड़े पैमाने पर तैयारिया की जा रही हैं.
ऐसी उम्मीद है कि यह कार्यक्रम देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित होगा. यहां याद दिलाते चलें कि 15 जनवरी को बैठक किया गया जिसमें किसानों के साथ हुए धोखे का संयुक्त किसान मोर्चा ने समीक्षा किया था.
इस मोर्चा का कहना है कि सरकार सदैव किसान विरोधी रुख अपनाती रही है क्योंकि भारत सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में किसानों के साथ
संयुक्त किसान मोर्चा (#एसकेएम) ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह 31 जनवरी को देश भर में 'विश्वासघात दिवस' के रूप में मनाएगा, जिसमें जिला और ब्लॉक स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। #Farmers pic.twitter.com/dZOafrlvJ6
— IANS Hindi (@IANSKhabar) January 28, 2022
किए गए वादे को पूरा नहीं किया है जिसमें यह मांग की गई थी कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों को प्रशासन ने नामजद
एफआईआर दर्ज किया था उन्हें वापस लिया जाएगा तथा शहीद परिवारों को मुआवजा भी मिलेगा. इसके अतिरिक्त एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने
अभी तक किसी भी तरह की कमेटी के गठन की घोषणा नहीं किया इसको लेकर किसानों ने फैसला किया है कि विश्वासघात दिवस के माध्यम से सरकार तक अपना रोष पहुंचाया जाएगा.
किसानों ने निर्णय लिया है कि किसान विरोधी सत्ता को इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सबक सिखा देंगे.
इसके अतिरिक्त मोर्चा ने स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि इस बैनर या मंच के नाम का प्रयोग किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के द्वारा नहीं किया जाएगा.
यदि ऐसा करते हुए कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध मोर्चा अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा.