- आदिवासियों के हिंदूकरण में लगे ब्राह्मणवादियों को बड़ा झटका लगा है
दलितों और आदिवासियों के हिंदूकरण में लगे ब्राह्मणवादियों को बड़ा झटका लगा है जो ब्राह्मणवादी आदिवासियों को भी हिंदू कहते हुए नहीं थकते, अब जल्द ही उन आदिवासियों को नई पहचान मिल सकती है.
Give us #Hindus a break 😭#SarnaCode#Adivasi#Jharkhand #HemantSoren#Christian#ChristianMissionarieshttps://t.co/v7zewTRo6ahttps://t.co/j8oYUd7wl2https://t.co/cP6eAvWQpC
— We.meNthee (@WeMeNThee) November 15, 2020
यूं तो आदिवासी हमेशा से कहते रहे हैं कि वो हिंदू नहीं हैं लेकिन अब झारखड सरकार की ओर से इस पर ऑफिशियल मुहर लग गई है. खुद सीएम हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को नई और गैर-हिंदू पहचान दिलाने का ऐलान कर दिया है.
झारखंड विधानसभा में प्रस्ताव पास-
दरअसल झारखंड विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें आदिवासी समाज के लिए हिंदू धर्म की जगह नए धर्म या पहचान का विकल्प देने की मांग की गई है.
11 नवंबर, 2020 को हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर ‘सरना आदिवासी धर्म कोड’ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
जनगणना में अलग विकल्प की मांग-
इस प्रस्ताव की सबसे बड़ी मांग ये है कि साल 2021 में होने वाली जनगणना के दौरान आदिवासियों को धर्म वाले कॉलम में हिंदू की जगह अलग धर्म कोड लिखने का विकल्प दिया जाये… प्रस्ताव में सरना धर्म कोड की मांग की गई है.
बीजेपी विधायक भी नहीं कर पाए विरोध-
बड़ी बात ये रही कि यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ यहां तक कि बीजेपी विधायकों ने भी प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया क्योंकि ज्यादातर बीजेपी विधायक भी आदिवासी समाज से ही आते हैं.
इसलिए आदिवासियों को हिंदू कहने वाली पार्टी भी विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई. हेमत संरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजने की तैयारी कर रही है.