पर्यावरण मंत्रालय डॉल्फिन मछलियों को बचाने के लिए शुरू करेगा ‘डॉल्फिन प्रोजेक्ट’

देश के 74वें स्वतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने डॉल्फिन प्रोजेक्ट शुरू करने का ऐलान किया है.

इस विषय में उन्होंने बताया कि नदी और समुद्री डॉल्फिन दोनों को फोकस किया जा रहा है जो जैव विविधता को मजबूत करेगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा तथा पर्यटकों को आकर्षित करने में इससे मदद मिलेगी.

यहां आपको बता दें कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय कम होती जा रही अनेक जलीय जीवों की प्रजातियों को संरक्षण एवं प्रोत्साहन देने के लिए 10 वर्षीय प्रोजेक्ट गंगेटिक डॉल्फिन शुरू करेगा.

इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए लगातार देश की नदियों में हो रहे प्रदूषण को कम करके उसे स्वच्छ करने पर बल दिया जाएगा जिससे जलीय जीवों जैसे मछलियां, कछुए, झींगे आदि को लाभ मिल सके.

डॉल्फिन गंगा नदी के मीठे जल में पाई जाने वाली एक प्रजाति है तथा भारत, नेपाल, बांग्लादेश में गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों में मुख्यता पाई जाती हैं.

Project Dolphin, Project Lion and Ladakh's potential to be India's ...DOLFIN

सरकार की योजना के अनुसार जिन राज्यों से जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम आदि से ये नदियां अथवा इनकी सहायक नदियाँ गुजरती हैं उन राज्यों से सहयोग लेकर 10 वर्षीय डॉल्फिन प्रोजेक्ट को प्रारंभ किया जाएगा और इसके लिए एक व्यापक अभियान भी सरकार चलाएगी.

विश्व वन्यजीव कोष कि अगर बात करें तो गंगा नदी में पाए जाने वाले डॉल्फिन आधिकारिक तौर पर 1801 में खोजी गई. इसकी कई प्रजातियां हैं, यह स्तनपाई जीव है जिसे दिखाई नहीं देता है.

अल्ट्रासोनिक ध्वनियों के उत्सर्जन के जरिए यह छोटी-छोटी मछलियों को अपने भोजन के रूप में शिकार बनाती है. गंगा नदी में डॉल्फिन भारी मात्रा में पाई जाती थी क्योंकि लगातार बढ़ते नदियों के प्रदूषण और शिकार के कारण आज यह जीव संकट से घिर चुकी है.

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