GDA के अवैध निर्माण के काले कारनामों के विरोध में ‘तीसरी आंख’ संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा जारी रहा विरोध प्रदर्शन

  • आरोपी लोकसेवक भ्रष्टाचार के बने हुए हैं हीरोः शैलेन्द्र
  • मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन की पृष्ठांकित प्रति आयुक्त की उपेक्षा का शिकार
  • काले करतूतों के उपरांत भी और शासकीय निर्देशों के विपरीत तीन वर्षों से अधिक समय से सचिव जीडीए अब तक जनपद में कार्यरत क्यों?

गोरखपुर: विकास प्राधिकरण गोरखपुर के अवैध निर्माण के काले कारनामों के विरोध में तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा चल रहे क्रमिक धरने के 24वें दिन

पुलिस प्रशासन द्वारा मशाल जुलूस को लेकर किए गए अड़ियल व्यवहार के विरोध में काली पट्टी बांधकर क्रमिक धरना के दूसरे दिन भी संगठन के कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

उक्त कार्यक्रम के दौरान क्रमिक धरने के उद्देश्य पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि-

“जिला प्रशासन की कार्यशैली हास्यास्पद प्रतीत हो रही है क्योंकि आज क्रमिक धरने के 24 दिनों के उपरांत भी मंडलायुक्त द्वारा गठित जांच समिति की कार्य प्रगति शून्य है जिसके परिणाम स्वरुप आरोपी लोक सेवक भ्रष्टाचार के हीरो बने हुए हैं.”

संगठन अपने 24 बिंदुओं के जनहित से संबंधित ज्ञापन के प्रति संकल्पित है, व्यवहारिक धरातल पर जब तक मांगों के अनुरूप कार्यवाही नहीं कराया जाएगा तब तक क्रमिक धरना जारी रहेगा.

यदि जरूरत पड़ी तो संगठन पुनः सड़कों पर उतरकर प्रतीकात्मक प्रतिकार के रूप में आमजन व शासकीय तंत्र को जागरूक करते हुए कार्यवाही के लिए प्रेरित करता रहेगा.

कार्यकर्ताओं को संबोधन करते हुए महानगर अध्यक्ष संतोष गुप्ता ने कहा कि ज्ञापन के 24 बिंदुओं के मुद्दों पर अब तक स्थलीय सत्यापन नहीं किया जाना शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है.

वरिष्ठ कार्यकर्ता वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि- जीडीए अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए नक्शा पास करने का ढोंग रच रहा है. इसने ज्ञापन के 24 बिंदुओं के कारित अपराध पर शासकीय तंत्र को मूल तथ्य से भ्रमित करने का भी कार्य किया है.

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता गिरिजेश शुक्ला, प्रदेश आई.टी. सेल प्रभारी अमरजीत यादव,

सतीश चन्द्र कुशवाहा, राजकुमार यादव, राजा राम यादव और जय बहादुर इत्यादि भारी संख्या में मशाल लिए लोग उपस्थित रहे.

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